Hathras Accident: यूपी के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में दर्दनाक हादसा हो गया. इस दर्दनाक हादसे में 100 से ज्यादा लोगों की मौत अब तक हो चुकी है. सभी डेड बॉडी को एटा के मेडिकल अस्पताल में ले जाया गया है. हाथरस कांड में प्रशासन अब बड़े एक्शन की तैयारी में है. सरकार आयोजक मंडल के साथ साथ स्थानीय प्रशासन पर भी एक्शन की तैयारी कर रही है. सीएमओ से पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट तलब की गई है. इसके लिए टीम ऑफ आगरा एंड कमिश्नर अलीगढ़ गठित कर दी गई है. जो हादसे की जांच में अहम भूमिका निभाएंगे.


मरने वालों में 25 महिलाएं


यह पूरा हादसा भोले बाबा के सत्संग में हाथरस जनपद के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के फुलरई गांव में हुआ.  यहां भोले बाबा का सत्संग आयोजित किया गया था. जिसमें कई श्रद्धालुओं दूर-दूर से पहुंचे थे. लेकिन सत्संग के दौरान अचानक भगदड़ मच गई जिससे स्थिति बेकाबू हो गई, इस दौरान कई श्रद्धालु भीड़ की चपेट में आ गए . अब तक 100 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत की जानकारी सामने आई है. इन सभी श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि एटा के सीएमओ डॉ. उमेश कुमार त्रिपाठी ने की है.


एटा के मेडिकल कॉलेज में तैनात चिकित्सा अधिकारी के अनुसार सिकंदराराऊ के पास एक सत्संग का आयोजन किया गया था. इसी दौरान वहां माहौल में भगदड़ सी मच गई. साएमओ के अनुसार मरने वालों की संख्या में अभी और इजाफा हो सकता है, क्योंकि घायल लगातार अस्पताल आ रहे हैं. कथित तौर पर हादसा गर्मी और उमस के बीच अचानक बढ़ी भीड़ है.


यूपी सरकार ने दिए जांच के आदेश






 


यूपी सरकार ने तुरंत घटना का संज्ञान लेते हुए जांच कमेटी गठित कर दी है जिसकी सूचना सीएमओ ऑफिस के ऑफिशियल एक्स हैंडल से दी गई. पोस्ट करते हुए सीएमओ ने लिखा....#UPCM 
@myogiadityanath ने जनपद हाथरस में हुए हादसे में मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है. उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उनके समुचित उपचार कराने और मौके पर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में घटना के कारणों की जांच के निर्देश दिए हैं.


यह कहता है नियम


अगर इस प्रकार का कोई भी आयोजन कहीं पर किया जाता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी आयोजकों और कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी वहां के प्रशासन पर होगी. अगर सुरक्षा में चूक होती है तो सभी आयोजकों पर सरकारी तलवार चलेगी और प्रशासन भी इस हादसे के लिए जिम्मेदार होगा. अब सवाल यह है कि इतने बड़े आयोजन की परमिशन किसने दी, और इस सत्संग के आयोजक कौन थे? इन सभी का पता लगाने के लिए और सजा देने के लिए सरकार ने टीम गठित कर दी है.


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