अक्सर सड़क पर कहीं जाते हुए आपने कई आवारा पशुओं को देखा होगा. ये आवारा जानवर सड़कों पर घूमते हैं और कई बार लोगों को इनकी वजह से परेशानी का सामना भी करना पड़ता है. पिछले कुछ समय में ऐसे कई मामले देखे गए हैं जब आवारा पशुओं ने लोगों पर हमले किए, इन जानवरों के हमले में कई लोग बुरी तरह से घायल हो जाते हैं और कुछ लोगों की मौत हो जाती है. हर साल सैकड़ों लोग आवारा जानवरों का शिकार हो रहे हैं. आज हम आपको बताएंगे कि आवारा जानवरों के हमले पर आप कैसे हर्जाना मांग सकते हैं.
लोग नहीं करते हैं केस
आवारा जानवरों का सबसे ज्यादा शिकार बुजुर्ग और बाइक चलाने वाले लोग होते हैं. कई लोगों को इतनी चोट लगती है कि वो महीनों तक बेड पर रहते हैं, वहीं कुछ लोगों की मौके पर ही मौत हो जाती है. ये सब होने के बाद लोग सोचते हैं कि सांड ने मारा है तो ये उनकी बदकिस्मती है और चुपचाप घर पर बैठ जाते हैं. हालांकि आप इसके लिए हर्जाना मांग सकते हैं.
ऐसे मिल सकता है हर्जाना
आवारा पशुओं का हमला कोई भी दुर्घटना नहीं है, ये एक लापरवाही का मामला है. यानी अगर आवारा पशु सड़क पर किसी पर हमला करते हैं या फिर उसकी जान ले लेते हैं तो ये वहां मौजूद नगर निगम की गलती है. इसके लिए सिस्टम ही जिम्मेदार है. आप कोर्ट में केस दर्ज कर सकते हैं और इसके लिए नगर निगम को जिम्मेदार ठहरा सकते हैं, इस दौरान आप अपने नुकसान का हर्जाना भी मांग सकते हैं. गुजरात के राजकोट में भी ऐसा ही मामला देखा गया, जिसमें आवारा पशु के हमले से एक शख्स की मौत हो गई और कोर्ट ने नगर निगम को 13 लाख मुआवजा देने का आदेश दिया.
आंकड़ों की अगर बात करें तो भारत में आवारा पशुओं की संख्या करीब 50 लाख से ज्यादा है. ये आवारा जानवर हर साल कई लोगों पर हमला करते हैं. हर साल आवारा जानवरों के हमले में एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है.
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