Subsidy On Fish Farming:  भारत एक कृषि प्रधान देश है. भारत की 50% से भी ज्यादा आबादी अभी भी खेती और किसी पर ही निर्भर है. लेकिन अब भारत का किसान सिर्फ पारंपरिक खेती पर ही निर्भर नहीं है. बल्कि वह अलग तरह की फैसले भी उगा रहे हैं और व्यवसाय भी कर रहे हैं. भारत में बहुत से किसानों का रुझान मछली पालन की ओर भी गया है.


मछली पालन के व्यवसाय से भारत में बहुत से किसान अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं. यही नहीं अब मछली पालन के व्यवसाय को सरकार भी प्रोत्साहन दे रही है. सरकार की ओर से भी अच्छी खासी सब्सिडी दी जा रही है. चलिए जानते हैं सरकार की ओर से मछली पालन पर कितनी सब्सिडी दी जाती है और कैसे लिया जा सकता है इसका लाभ. 


सरकार देती है 60 फीसदी सब्सिडी


भारत सरकार द्वारा किसानों को काफी प्रोत्साहन दिया जाता है. इसके लिए सरकार बहुत सारी योजनाएं भी चलाती हैं. जिम अलग-अलग तरीकों से किसानों को लाभान्वित किया जाता है. अगर कोई किसान मछली पालन का व्यवसाय करना चाहता है. तो उसके लिए भी सरकार ने भी सब्सिडी की व्यवस्था की है. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत सरकार किसानों को मछली पालन के व्यवसाय के लिए 60% तक सब्सिडी देती है.


बता दें यह सब्सिडी अनुसूचित जाति की महिलाओं को बिजनेस शुरू करने के लिए दी जाती है. तो वहीं जो आवेदक समान वर्ग से ताल्लुक रखते हैं. उन्हें प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 40% सब्सिडी दी जाती है. सरकार ने साल 2020 में इस योजना की शुरुआत की थी. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना मछली पालन के क्षेत्र में चलाई जाने वाली सरकार की सबसे बड़ी योजना है. इस योजना के तहत किसानों को मछली पालन की फ्री ट्रेनिंग और मछली पालन के लिए लोन दिया जाता है. 


कैसे लें पीएम मत्स्य संपदा योजना का लाभ?


प्रधानमंत्री मत्स्य पालन योजना के तहत सरकार की ओर से बेहद कम ब्याज दर पर लोन दिया जाता है. किसानों को योजना के तहत बिना किसी गारंटी के 7% ब्याज दर पर 2 लाख रुपये तक का लोन मिलता है. जो किसान इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं. उन्हें एक डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट या सेल्फ कंटेंट प्रपोजल अपने जिले के डिस्टिक फिशरीज ऑफिस में जमा करना होता है.


18 साल से लेकर 60 साल तक का कोई भी आवेदक योजना में अप्लाई कर सकता है. योजना की ज्यादा जानकारी के लिए योजना के आधिकारिक वेबसाइट https://pmmsy.dof.gov.in/ पर विजिट किया जा सकता है और इसके साथ ही टोल फ्री नंबर 1800-425-1660 पर काॅल करके भी जानकारी ली जा सकती है. 


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