Terrorist Attack Compensation: कल यानी 9 जून भारत के लिए एक बहुत बड़ा दिन था. कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. तो वहीं कल अमेरिका और वेस्टइंडीज में खेलेगा T20 वर्ल्ड कप में भारत में पाकिस्तान को बड़े ही शानदार तरीके से हराया.


जहां इन खबरों से भारत में खुशी और उत्साह का माहौल था. तो वहीं एक खबर ने सभी को काफी गमगीन कर दिया. खबर आई जम्मू कश्मीर से जहां वैष्णो देवी की यात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं की बस पर आतंकियों ने हमला कर दिया.


हमले में नौ लोगों की मौत हो गई तो वहीं 40 के करीब लोग घायल हुए. इस बीच कई लोगों के मन में सवाल आता है. क्या आतंकी हमले में मारे गए लोगों के परिवार को सरकार की ओर से मुआवजा मिलता है. क्या हैं इसके लिए प्रावधान चलिए जानते हैं. 


जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले में मृतकों को 10 लाख रुपए 


जम्मू कश्मीर में हुए आतंकी हमले में 9 लोगों की मौत हुई. मृतकों के परिजनों को जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की ओर 10-10 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर देने का ऐलान किया गया है. तो वहीं इसके साथ ही घायलों को भी 50-50 हजार रुपए की आर्थिक मदद का ऐलान किया गया है. रविवार 9 जून को वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए शिव खोड़ी से श्रद्धालुओं की भरी बस कटरा जा रही थी. तभी अचानक से आतंकवादियों ने बस पर हमला कर दिया. हमले में ड्राइवर को भी गोली लगी और जिसके चलते बस खाई में जा गिरी. 


क्या है मुआवजे लिए प्रावधान? 


आतंकी हमले में अगर किसी की मृत्यु हो जाती है तो भारत सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से ऐसे में मुआवजा दिए जाने का प्रावधान होता है. गृह मंत्रालय ने एक सवाल के जवाब में इस बात का जिक्र किया है कि 1 अप्रैल 2008 के बाद से आतंकी हमले में मारे जाने वाले सिविलियन यानी आम नागरिकों के परिवार को सरकार की ओर से  मुआवजे के तौर पर एक निश्चित राशि की आर्थिक मदद दिए जाने का प्रावधान है. यह राशि साल 2008 में 3 लाख थी. सरकार की ओर से अब इसे बढ़ा दिया गया है. 


राज्य सरकार भी देती है मुआवजा


आतंकी हमले में मारे जाने वाले नागरिकों के लिए मुआवजे को लेकर अलग-अलग राज्यों की सरकारों में भी अलग प्रावधान होता है. जैसे अगर किसी राज्य में कहीं आतंकी हमला होता है. तो उसमें केंद्र सरकार द्वारा मुआवजा दिया जाता है.  और उस हमलें में जिन दूसरे राज्य के नागरिक भी प्रभावित होते हैं. तो जिन राज्यों के वह नागरिक होते हैं उन राज्यों की सरकारें भी उन्हें अपनी ओर से मुआवजा देती हैं. 


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