वो कौन-कौन सी बीमारियां है, जिनका इंश्योरेंस से नहीं मिलता है इलाज का पैसा
Diseases Not Covered In Health Insurance: क्या आपको पता है कुछ बीमारियां ऐसी भी होती हैं जिन्हें हेल्थ इंश्योरेंस भी कवर नहीं करता. यानी उनके इलाज के लिए आपको पैसे खुद ही चुकाने पड़ेंगे उसके बारे में.
Diseases Not Covered In Health Insurance: स्वास्थ्य हर किसी के जीवन का एक अहम मुद्दा होता है. न जाने इंसान को कब कौन सी बीमारी घेर ले कुछ कह नहीं सकते. बीमारियों के इलाज में लोगों के काफी रुपए खर्च होते हैं. इसलिए अब लोग बीमारियों में होने वाले इलाज के मोटे खर्चे से बचने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस करवा लेते हैं.
जिससे वह भविष्य के लिए होने वाले खर्चे से अपने आप को बचा लेते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कुछ बीमारियां ऐसी भी होती हैं जिन्हें हेल्थ इंश्योरेंस भी कवर नहीं करता. यानी उनके इलाज के लिए आपको पैसे खुद ही चुकाने पड़ेंगे उसके बारे में.
जन्म से मौजूद बीमारिया
इंसानों में कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं जो जन्मजात होती हैं. यानी वह बीमारियां जो उन्हें पैदा होने के समय से ही होती हैं. जन्मजात बीमारियों को दो कैटेगरी में बांटा गया है. पहले बाहरी जन्मजात बीमारियां और दूसरी आंतरिक जन्मजात बीमारियां.
बाहरी जन्मजात बीमारियों में जैसे कि शरीर पर अतिरिक्त त्वचा का होना यानी एक्स्ट्रा स्किन या कोई अंग. तो वही अंदरूनी जामजत बीमारियां जैसे पैदा होते ही दिल का कमजोर होना. यह बीमारियां हेल्थ इंश्योरेंस में कवर नहीं की जाती.
संक्रामक रोग
कुछ बीमारियां ऐसी होती है जो इनफेक्शियस होती हैं. यानी जो एक इंसान से दूसरे इंसान को फैल जाती हैं. जिम एचआईवी,एसटीडी और गोनोरिया जैसी बीमारी होती हैं. बीमारियों को लेकर के भी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से लाभ नहीं मिलता.
अक्सर इन बीमारियों को हेल्थ इंश्योरेंस में कर नहीं किया जाता. क्योंकि इनका इलाज काफी लंबा चल सकता है और ऐसे में स्वास्थ्य बीमा कंपनियां खुद को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए इन बीमारियों को मेडिकल क्लेम से बाहर रखती हैं.
कॉस्मेटिक सर्जरी से हुई बीमारियां
आजकल कॉस्मेटिक सर्जरी का चलन काफी चल गया है. लोग शरीर के अलग-अलग हिस्सों में कॉस्मेटिक सर्जरी के जरिए बदलाव करवा रहे हैं. लेकिन कई बार ऐसा देखा गया है में कॉस्मेटिक सर्जरी का साइड इफेक्ट होता है और इससे हेल्थ खराब हो जाती है. कॉस्मेटिक सर्जरी से हुई खराब सेहत को स्वास्थ्य बीमा कंपनियां पॉलिसी में सामान्य तौर पर शामिल नहीं करती हैं.
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