AIIMS: एम्स भारत का विश्वसनीय और बेहद पुराना मेडिकल संस्थान है. रोजाना एम्स में करीब 15000 लोग ओपीडी में आते हैं. जब राज्यों के अस्पताल किसी का इलाज करने में सक्षम नहीं रहते. तब वह उस मरीज को एम्स के लिेए रेफर कर देते हैं. एम्स में रोजाना इलाज के लिए आने वालों की एक लंबी कतार होती है. इसलिए यहां मरीजों को आसानी से इलाज नहीं मिल पााता. इसके लिए उन्हें बहुत धक्के खाने पड़ते हैं. एम्स में इलाज के लिए पहले डाॅक्टर से अपॉइंटमेंट लेनी होती है. उसके लिए भी लंबी कतारें लगती हैं. क्या अपॉइंटमेंट लेने का और भी है तरीका आइए जानते हैं.
एम्स में अपॉइंटमेंट के हैं 2 तरीके
एम्स में डाॅक्टर्स से अपॉइंटमेंट के लिए मरीजों के लिए दो प्रकियाएं हैं. पहली ऑफलाइन यानी इस प्रक्रिया में मरीज या उसके परिजनों को लाइन मेें लगकर अपॉइंटमेंट लेना होता है. अपॉइंटमेंट काउंटर खुलते ही वहां काफी मरीज इकट्ठे हो जाते हैं. जिस वजह से कई मरीजों को अपॉइंटमेंट नहीं मिल पाता. इसी को देखते हुए अब एम्स में ऑनलाइन अपॉइंटमेंट की भी सुविधा चालू कर दी गई है. मरीज अब पहले ही अपॉइंटमेंट लेकर निर्धारित तारीख को इलाज के लिए एम्स आ सकते हैं.
50% के आधार पर अपॉइंटमेंट
एम्स में अपॉइंटमेंट के लिए 50 फीसदी लोगों को ऑफलाइन अपॉइंटमेंट दिया जाता है. तो वहीं 50 फीसदी के स्लाॅट्स ऑनलाइन 50 फीसदी लेेने वाले मरीजों के लिए रिर्जव होते हैं. इससे जरूरतमंदो को अब काफी सहूलियत हुई है. लेकिन एम्स प्रशासन ने ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेने वाले मरीजों के बारे में बात करते हुए कहा कि एक बड़ी मात्रा में ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेने वाले मरीज अस्पताल आते ही नहीं है. ऐसे में उन मरीजों के चलते दूसरे मरीजों के परेशानी उठानी पड़ती है. इसके लिए प्रशासन ने कहा है अगर कोई मरीज ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेकर उस दिन हीं पहुंच पाए तो अपॉइंटमेंट को कैंसिल कर दे. ताकि कोई और अपॉइंटमेंट ले सके.
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