साइबर ठगी हो जाए तो बचने के लिए सबसे पहले करना पड़ेगा यह काम, नहीं तो हो जाएगी मुश्किल
साइबर ठगी के मामले में गोल्डन ऑवर को ठगी होने के बाद का पहला घंटा कहा जाता है. किसी के साथ साइबर ठगी होती है. तो फिर उसे साइबर ठगी होने के एक घंटे के अंदर तक भारतीय साइबर अपराध केन्द्र पर शिकायत करें.
जैसे-जैसे दुनिया तेजी से तरक्की करती जा रही है. वैसे-वैसे हर क्षेत्र में तकनीकी विकास भी होता जा रहा है. पहले जहां लोग चोरी करने के लिए किसी के घर जाते थे. किसी से पैसे छीनके भागते थे. वहीं अब चोरी का तरीका भी बदल गया है. अब अब ऑनलाइन अकाउंट से बैठे-बैठे पैसे निकाल लिए जाते हैं. और पिछले कुछ सालों में तो साइबर ठगी बहुत बड़ी है. लेकिन अब सरकार ने भी इसको काबू करने के लिए नए-नए तरीके ढूंढे हैं. इसीलिए हाल ही में साइबर ठगी से बचने के लिए गृह मंत्रालय ने सूचना जारी की है कि आपके साथ साइबर ठगी हो जाती है तो आपको सबसे पहले क्या करना चाहिए.
गोल्डन ऑवर में करें काॅल
साइबर ठगी के मामले में गोल्डन ऑवर को ठगी होने के बाद का पहला घंटा कहा जाता है. अगर किसी के साथ साइबर ठगी होती है. तो फिर उसे साइबर ठगी होने के एक घंटे के अंदर तक भारतीय साइबर अपराध केन्द्र पर शिकायत दर्ज करनी होगी. अगर ऐसा किया जाता है तो फिर अपराघी को अकाउंट से पैसे निकालने से रोका जा सकता है. इसके लिए सरकार ने एक नंबर भी जारी किया है. ठगी होने के एक घंटे के अंतर 1930 पर काॅल करके शिकायत दर्ज कर सकते हैं.
गृह मंत्रालय ने जारी किए आंकड़े
इस मामले में गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध केन्द्र के अधिकारी राजेश कुमार ने प्रेस काॅन्फ्रेंस कर के इस बात की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि साल 2023 में भारतीय साइबर अपराध केन्द्र ने कुल 921.59 करोड़ रुपये अपराधियों के अकाउंट में जाने से रोके. यह कुल साइबर अपराधों की 12.32 प्रतिशत है. साल 2022 में 7.32 फीसदी यानी कि 169.04 करोड़ और साल 2021 में 6.73 प्रतिशत यानी 36.38 करोड़ रुपयों की रकम को भारतीय साइबर अपराध केन्द्र द्वारा ब्लाॅक किया गया. इसके साथ ही साइबर अपराधों में देशभर से अलग-अलग जगहों से 450 से ज्यादा अपराधियों पर शिकंजा कसा जा चुका है.
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