Toll Plaza IT System: भारत में 500 से भी ज्यादा करीब राष्ट्रीय राजमार्ग यानी नेशनल हाईवे हैं. इन नेशनल हाईवे पर बहुत से टोल प्लाजा भी बने हैं. कोई भी गाड़ी इससे होकर गुजरती है तो उसे टोल टैक्स चुकाना होता है. पहले भारत में टोल प्लाजा पर टैक्स देने के लिए लंबी कतारें लग जाया करती थीं. क्योंकि टोल टैक्स मैन्युअल तौर पर टोल प्लाजा पर बैठे ऑपरेटरों द्वारा कलेक्ट किया जाता था. लेकिन जिस तरह भारत में अब बहुत सी सुविधाएं ऑनलाइन हो गई हैं.
वैसे ही अब टोल प्लाजा पर टाल देने की सुविधा भी ऑनलाइन हो गई है. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा साल 2014 में फास्टैग की सर्विस शुरू कर दी. इसके बाद से टोल प्लाजा पर फास्ट टैग से टोल लेना शुरू हो गया. लेकिन इसमें कई बार तकनीकी खामी आ जाती. जिसके चलते टोल प्लाजा पर फास्ट टैग से टोल नहीं कटता. तो वहीं अब इसको लेकर आईटी सिस्टम में बदलाव हो गया है.
टोल प्लाजाओं पर लगे आईटी सिस्टम में हुआ बदलाव
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (NHAI) टोल प्लाजाओं पर टोल देने की प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए नई-नई तकनीक आजमाती रहती है. इसीलिए फास्टैग से टोल प्लाजाओं होने वाले पेमेंट को सरल बनाने को लेकर टोल प्लाजाओं पर आईटी सिस्टम और हार्डवेयर में बदलाव किए गए हैं. नए नियमों के मुताबिक नए अब टोल प्लाजाों पर उन्हीं कंपनियों को उपकरण इस्तेमाल किया जा सकेंगे.
जिन कंपनियों को अनुभव होगा. इन कंपनियों को इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के मानकीकरण टेस्टिंग और क्वालिटी सर्टिफिकेशन निदेशालय से प्रमाण पत्र हासिल हुआ होगा उन्हीं के उपकरण खरीदे जा सकेंगे. इन उपकरणों में टोल लेन कंट्रोलर, टोल प्लाजा सर्वर, ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर, एंटीना और आरएफआईडी रीडर जैसे उपकरण शामिल है.
क्यों किए गए बदलाव?
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया को पिछले एक अरसे से यात्रियों द्वारा इस परेशानी से अवगत करवाया जा रहा था कि कई बार टोल प्लाजा पर फास्टैग से टोल नहीं कटता. जबकि उनके फास्टैग में पर्याप्त मात्रा में बैलेंस होता है. फास्टैग से टाल नहीं कटने की स्थिति में यात्रियों को लाइन से हटकर आना पड़ता है और फिर मैनुअल तरीके से टोल चुकाना पड़ता है. इससे उन्हें काफी परेशानी होती है. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया किसी को ध्यान में रखते हुए सिस्टम में बदलाव किया है. इसके साथ हीनेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यालय में सर्विसेस को चेक करने के लिए इंजीनियर की तैनाती भी की जाएगी.
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