Lok Adalat Cases: कई ऐसे मामले होते हैं, जिन्हें कोर्ट में लंबा नहीं खींचा जाता है और जल्द से जल्द इनका निपटारा कर दिया जाता है. ऐसे मामलों में आपसी सहमति से समझौता कराया जाता है. तमाम मामले लोक अदालत में जाते हैं और वहीं पर दोनों पक्षों की सुनवाई हो जाती है. इसके बाद जज फैसला नहीं सुनाते हैं, बल्कि समझौता करवा देते हैं. हर साल ऐसे हजारों मामलों का लोक अदालत में निपटारा किया जाता है. आज हम आपको बता रहे हैं कि किन मामलों की सुनवाई लोक अदालत में होती है और इसका क्या प्रोसेस है.
नहीं लगती है कोई फीस
दरअसल ज्यादातर लोग लोक अदालत का रुख तब करते हैं जब किसी सरकारी एजेंसी की तरफ से उन पर भारी जुर्माना लगाया गया हो. ट्रैफिक चालान के सबसे ज्यादा मामले ऐसी अदालतों में सुने जाते हैं. लोक अदालत कई स्तरों पर लगाई जाती हैं, जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक लोक अदालत लगती है. लोक अदालत में सभी दीवानी मामलों की सुनवाई की जाती है और यहां पर किसी भी तरह की कोई फीस नहीं लगती है.
इन मामलों की होती है सुनवाई
लोक अदालत में आमतौर पर ट्रैफिक चालान, संपत्ति बंटवारा, भूमि विवाद, वैवाहिक विवाद, नगर निगम टैक्स, हाउस टैक्स, बैंकों की वसूली, चेक बाउंस, इंश्योरेंस, मोटर एक्सीडेंट क्लेम और इसी तरह के बाकी मामलों की सुनवाई होती है. इन मामलों में दोनों पक्षों को बुलाया जाता है और जिस बात पर दोनों की सहमति बनती है, उस पर मुहर लगा दी जाती है.
अगर आपको भी लोक अदालत में अपने मामले का निपटारा कराना है तो आप अपने नजदीकी कोर्ट में जाकर इसकी जानकारी ले सकते हैं, यहां आपको एक एप्लीकेशन देनी होगी. इसके बाद आपका राजीनामा होगा. ऐसे मामलों में दोनों पक्ष सहमत होते हैं और किसी को भी नहीं लगता है कि वो केस हार गए हैं. लोक अदालत में केस का निपटारा काफी तेजी से होता है.
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