AIIMS Private Ward: कोई भी बीमारी होने पर हम अस्पताल जाते हैं, अगर बीमारी गंभीर है तो इसके लिए देश के सबसे बेस्ट हॉस्पिटल की तलाश होती है. देश में सबसे बेहतरीन इलाज और सुविधा देने वाला हॉस्पिटल ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज यानी एम्स है. कई राज्यों में एम्स खुल चुके हैं, लेकिन दिल्ली एम्स में इलाज कराने आज भी देशभर के तमाम लोग आते हैं, यही वजह है कि यहां एक सर्जरी की वेटिंग लिस्ट कई बार एक साल तक की होती है. इसी एम्स में प्राइवेट वार्ड और प्राइवेट रूम की सुविधा भी उपलब्ध होती है. आज हम आपको यही बता रहे हैं कि एम्स में प्राइवेट वार्ड का चार्ज कितना होता है.
रोजाना रहती है भीड़भाड़
एम्स में इलाज लगभग पूरी तरह से मुफ्त होता है, किसी की सर्जरी पर होने वाला छोटा-मोटा खर्चा उस शख्स के परिवार को चुकाना होता है. देश के सबसे बेस्ट डॉक्टर्स मरीज का इलाज करते हैं, ऐसे में यहां भीड़ होना लाज़मी है. इसी के चलते जनरल वार्ड में भीड़ होती है और कई बार बेड तक नहीं मिलते हैं. हालांकि अगर आप पैसा खर्च कर सकते हैं तो आपको एम्स में प्राइवेट हॉस्पिटलों जैसी सुविधाएं मिलेंगीं.
प्राइवेट वार्ड की सुविधा
एम्स में मिलने वाले प्राइवेट वार्ड हर सुविधा से लैस होते हैं और प्राइवेट अस्पतालों की तुलना में काफी सस्ते होते हैं. दिल्ली एम्स में प्राइवेट वार्ड की संख्या 280 से ज्यादा है. अगर मरीज को आप प्राइवेट वार्ड में भर्ती कराना चाहते हैं तो एडमिट करते हुए ही आपको इसकी जानकारी देनी होगी. अगर प्राइवेट वार्ड उपलब्ध होगा तो आपको इसे दे दिया जाएगा.
कितना आता है खर्च?
अब खर्चे की बात करें तो इसमें दो कैटेगरी में आपको रूम मिलते हैं, एक डीलक्स वार्ड होता है और दूसरा बी क्लास वाला रूम होता है. डीलक्स वार्ड के लिए आपको 6 हजार रुपये प्रतिदिन और बी क्लास के लिए आपको तीन हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से पैसा देना होता है. प्राइवेट वार्ड लेने के लिए आपको 10 दिन का पेमेंट एडवांस में करना होता है. अगर मरीज 10 दिन से पहले डिस्चार्ज होता है तो ऐसे में पैसे वापस मिल जाते हैं.
ये भी पढ़ें - Solar Panel Scheme: प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना की तरह दिल्ली में भी सोलर पॉलिसी लॉन्च, कौन ज्यादा फायदेमंद?