Cancer Treatment: एम्स में मुफ्त होगा इन कैंसर पीड़ितों का इलाज, राज्य सरकार के साथ हुआ करार
Free Cancer Treatment: भोपाल के यूनियन कार्बाइड गैस हादसे के प्रभावित कैंसर पीड़ितों का मुफ्त इलाज एब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में होगा.
Free Cancer Treatment: कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज काफी लंबा और दर्दनाक होता है. इस दर्द के अलावा इसमें होने वाला खर्च भी काफी ज्यादा होता है, जिसकी भरपाई करना हर किसी के बस की बात नहीं होती है. देश के कुछ चुनिंदा अस्पतालों में ही कैंसर पीड़ित मरीजों का इलाज होता है. इसी बीच देश एक राज्य ने एम्स के साथ करार किया है कि वो कैंसर पीड़ित लोगों का इलाज मुफ्त में करेंगे. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के यूनियन कार्बाइड गैस हादसे के प्रभावित कैंसर पीड़ितों का मुफ्त इलाज एब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में होगा. इसके लिए राज्य सरकार और एम्स के बीच एक करार हुआ है.
गैस पीड़ितों को बड़ी राहत
गैस हादसे के पीड़ितों की लड़ाई लड़ने वाले संगठनों ने एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए बताया कि राज्य सरकार के भोपाल गैस राहत एवं पुनर्वास विभाग और एम्स भोपाल के बीच एमओयू हो गया है, जिससे कैंसर ग्रसित पीडितों का इलाज एम्स भोपाल में मुफ्त होगा. तमाम संगठन और समाज से जुड़े लोग इसे एक बड़ा फैसला बता रहे हैं, जिससे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी.
संगठनों के जारी किया बयान
भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ, भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा, भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा, भोपाल ग्रुप फॉर इन्फोर्मेशन एंड एक्शन ने संयुक्त रूप से जारी एक रिलीज में कहा कि लंबी लड़ाई और जारी आंदोलन की वजह से ही यह सुविधा मिलना संभव हो पाया है. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने गैस राहत विभाग से इसके बारे में पूछा था और अगली पेशी 24 जनवरी को जवाब देने के लिए कहा था.
गैस पीड़ित संगठनों ने एम्स भोपाल से मांग की है कि वो एक गाइडलाइन बनाए, जिससे कैंसर ग्रसित पीड़ितों को त्वरित इलाज मिल पाएगा. इसी के साथ बीएमएचआरसी प्रबंधन से मांग की है कि वे जल्द ही कदम उठाए, जिससे अस्पताल में कैंसर विभाग शुरू किया जा सके क्योंकि गैस पीड़ितों में कैंसर का दर अपीड़ित आबादी से 10 गुना ज्यादा है.
बता दें कि साल 1984 में यूनियन कार्बाइड कंपनी से जहरीली गैस के रिसाव से कई हजार लोग मौत के गाल में समा गए थे. वहीं उसके बाद से कई पीढ़ियां बीमारियों से जूझ रही हैं. इनके इलाज के लिए भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर बनाया गया था.
(इनपुट- IANS)
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