दो तरह के होते हैं आईटीआर फॉर्म...भरने से पहले जान लें अंतर
ITR Filling Form: इनकम टैक्स डिपार्मेंट ने इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए वेतन भोगियों के लिए अलग-अलग फॉर्म बनाए हैं. जिससे व्यक्ति अपने वेतन और अपनी आय के स्रोतों के अनुसार भर सकता है.
ITR Filling Form: जो लोग भारत में इनकम टैक्स भरते हैं उन्हें पता होगा कि इनकम टैक्स भरने के दो फार्म होते हैं जिन्हें आइटीआर फॉर्म 1 और फॉर्म 2 कहा जाता है. अगर आपने किसी गलत फॉर्म के जरिए अपना इनकम टैक्स फाइल कर दिया तो फिर आपके लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है. आपका इनकम टैक्स रिफंड रुक सकता है. या फिर आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट पूछताछ के लिए आपको समन भेज सकता है. इसीलिए जरूरी है कि इनकम टैक्स भरते समय सही फॉर्म का चुनाव किया जाए. ताकि आपको सही समय पर आपका रिफंड मिल सके. चलिए जानते हैं कैसे चुने कौन सा फॉर्म आपके लिए है और क्या है दोनों फाॅर्म में अंतर.
ITR फॉर्म-1
इनकम टैक्स डिपार्मेंट ने इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए वेतन भोगियों के लिए अलग-अलग फॉर्म बनाए हैं. जिससे व्यक्ति अपने वेतन और अपनी आय के स्रोतों के अनुसार भर सकता है. चलिए जानते हैं क्या होता आईटीआर फॉर्म-1 और कौन-कौन इसके जरिए इनकम टैक्स रिर्टन भर सकता है. आइटीआर फॉर्म 1 देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाला फॉर्म है. भारत के अधिकांश लोग इसी फॉर्म के जरिए अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं. यह फॉर्म उन करदाताओं के लिए है जो वेतन, पेंशन या घर से जुड़ी दूसरी चीज या फिर अन्य तरीकों से पैसे कमाते हैं.
ये लोग फाॅर्म-1 न चुनें
आइटीआर फॉर्म-1 को फाइल करने के लिए कुछ शर्तें हैं जो पूरी करनी होती हैं. मसलन जिन लोगों की सालाना इनकम 50 लाख से ऊपर है वह इस फॉर्म को नहीं भर सकते. इसके साथ ही इनकम का स्रोत सिर्फ हम असेट्स होने चाहिए और आखिर में इस फार्म के जरिए इनकम टैक्स भरने वालों की कृषि के जरिए इनकम सिर्फ 5000 होनी चाहिए. उससे अधिक अगर हुई तो फिर आप इस फॉर्म को नहीं भर पाएंगे.
ITR फॉर्म-2
आईटीआर फॉर्म 2 का उपयोग सिर्फ वही लोग कर सकते हैं जिनकी सालाना इनकम 50 लाख रुपये से ज्यादा हो. सीधे शब्दों में कहें तो आम जनता इस फार्म के जरिए बेहद कम ही इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करती हैं. इसके जरिए वह लोग फाइल करते हैं जो किसी कंपनी के डायरेक्टर हो. जिन्होंने फाइनेंशियल ईयर के दौरान नॉन लिस्टेड इक्विटी शेयरों में इन्वेस्ट किया हो.
जिनकी इनकम कैपिटल गैन से हो जैसे कि वो घर, ज़मीन, स्टॉक, म्युचुअल फंड, गहने, ट्रेडमार्क इन चीजों में इनवेस्ट करके कमाते हों. जिनके एक से ज्यादा घर हो , जिंदगी विदेश से भी कमाई होती हो या विदेश में जिनकी संपत्ति हो वह भी इसी फॉर्म के जरिए आइटीआर रिटर्न फाइल करते हैं इसमें सैलरी लेने वाले और पेंशन लेने वाले दोनों ही टैक्स पेयर आते हैं.
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