UP Samuhik Vivah Yojana: केन्द्र सरकार देश के नागरिकों के लिए कई योजनाएं चलाती है. तो वहीं कुछ योजनाएं ऐसी होती है. जो खास तौर पर राज्य सरकारों द्वारा चलाई जाती हैं. जिनका फायदा सिर्फ राज्य के नागरिकों को होता है. उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य है जनसंख्या के लिहाज से यहां भाजपा की सरकार है. मुख्यमंत्री हैं योगी आदित्यनाथ जो लगातार दूसरी बार यह पद संभाल रहे हैं. योगी सरकार यूपी के लोगों को लिए कई योजनाएं चलाती है.


इनमें ज्यादातर योजनाएं गरीब जनता के हितों को ध्यान में रखकर लाई जाती हैं. लेकिन कई बार देखने को मिलता है कि इन योजनाओं में लोग गलत तरीके से भी लाभ ले लेते हैं. जिस वजह से वाकई जिस व्यक्ति को लाभ मिलना होता है. वह लाभ नहीं ले पाता. हाल ही में यूपी सरकार की सामूहिक विवाह योजना में धांधली के कई मामले देखने को मिले हैं. जिसके चलते सामूहिक विवाह योजना विवादों में हैं. चलिए जानते हैं इस योजना के बारे में. 


क्या है यूपी की सामूहिक विवाह योजना?


साल 2024 की शुरूआत में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के जरूरत मंद लोगों को लाभान्वित करने के लिए सामूहिक विवाह योजना शुरू की थी. सरकार इस योजना के तहत गरीब परिवार की बेटियों को 51 हजार रुपये की आर्थिक मदद देती है.


सरकार द्वारा यह राशि सीधे बैंक अकाउंट में भेज दी जाती है. इस योजना का मकसद है कि गरीब माता पिताओं को अपनी बेटियों की शादी के लिए आर्थिक परेशानी से न झूझना पड़े. सरकार द्वारा इस योजना के तहत शादी का कुछ सामान भी दिया जाता है. 


कौन कर सकता है योजना में आवदेन?


इस योजना में आवेदन करने के लिए विवाह के वक्त लड़की की उम्र 18 साल या उससे ऊपर होनी जरूरी है. तो वहीं लड़के की उम्र 21 साल या उससे ज्यादा होने की जरूरत है. इस योजना में बीपीएल राशन कार्ड धारक परिवार की बेटियां ही आवेदन कर सकता हैं.


तो वहीं इस योजना में महिलाओं को दोबारा शादी करने के लिए भी लाभ दिया जाता है. ऐसी महिलाएं जिनकी शादी किसी कारण टूट गई है या तलाक हो गया है वह भी इस योजना के तहत विवाह के लिए आवेदन दे सकती हैं. 


विवाद क्यों हो रहा है?


यूपी सरकार जहां गरीबों और जरूरतमंदों के लिए यह योजना लाई है तो वहीं इस योजना में बहुत से लोग फर्जी तरीके से भी लाभ ले रहे हैं. कुछ समय पहले बलिया में पहले से ही शादीशुदा कपल ने इस योजना के तहत दोबारा शादी करके लाभ लिया. तो हाल ही में मैनपुरी से भी इसी तरह का केस सामने निकलकर आया है. इसके बाद सरकार ने कई कर्मचारियों को नौकरी से निलंबित कर दिया है. 


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