यूपी में हादसा हो जाए तो कैसे मिलता है फ्री इलाज, सरकार की ओर से होती है क्या व्यवस्था?
UP Accident Free Treatment Policy: उत्तर प्रदेश में सड़क हादसों में घायल होने वालों को सरकार देगी फ्री इलाज. जानें क्या है इसके लिए सरकार की व्यवस्था.
UP Accident Free Treatment Policy: जब सड़क पर कहीं दुर्घटना हो जाती है. तो ऐसे में ज्यादातर मौत है समय रहते इलाज न मिलने के चलते होती हैं. कई बार सड़कों पर एक्सीडेंट होने के बाद बहुत से लोग घायल को देखकर के भी उसकी मदद नहीं करते. तो कई बार नेशनल हाईवे पर दुर्घटना हो जाती है.
वहां भी लोगों को मदद मिलने में कई बार देरी हो जाती है. लेकिन अब उत्तर प्रदेश में किसी के साथ हादसा होता .है तो न सिर्फ सरकार इलाज करवाएगी बल्कि फ्री इलाज भी देगी. क्या है सरकार की इसके लिए व्यवस्था. कैसे होगा हादसों में घायल होने वालों का फ्री इलाज. चलिए आपको बताते हैं.
गोल्डन आवर पॉलिसी में मिलता है फ्री इलाज
मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव करते हुए सड़कों पर होने वाले हादसा में अब घायलों को निशुल्क इलाज की सुविधा दी जा रही है. बात की जाए तो साल 2022 के आंकड़ों के मुताबिक 1.71 लाख लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई थी. इनमें से बहुत से लोगों की मौत सही समय पर इलाज न मिलने के चलते हुई थी. अब सरकार की गोल्डन आवर पॉलिसी के तहत फ्री इलाज दिया जाएगा.
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दुर्घटना के मामलों में गोल्डन आवर का मतलब होता है, हादसा होने के बाद तक का एक घंटा. सरकार की इस पॉलिसी में घायलों को डेढ़ लाख रुपये तक का फ्री इलाज दिया जाएगा या फिर उन्हें 7 दिन तक अस्पताल में निशुल्क भर्ती किया जाएगा. इनमें से जो सुविधा भी पहले पूरी होगी उसकी भरपाई सरकार करेगी.
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इन सुविधाओं के तहत भी मिलता है लाभ
अगर कोई आयुष्मान कार्ड धारक है और उसका एक्सीडेंट हो गया है. तो वह आयुष्मान योजना में सूचीबद्ध किसी भी अस्पताल में फ्री इलाज करवा सकता है. इसके अलावा नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया यानी NHAI भी नेशनल हाईवे पर होने वाले हादसों के लिए फ्री इलाज की सुविधा मुहैया करवाएगी. अगर किसी नेशनल हाईवे पर किसी के साथ हादसा होता है तो. उसके बाद 1033 नंबर पर कॉल करके हेल्पलाइन को सूचना देनी होगी.
उसके बाद जरूरी जानकारी देनी होगी. इसके बाद नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया से लिंक किसी अस्पताल में घायल का इलाज करवाया जाएगा. 30000 रुपये तक के इलाज का खर्चा है तो वह नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा उठाया जाएगा, इसके ज्यादा खर्च होता है. तो फिर व्यक्ति को खुद ही उसके लिए पेमेंट करनी होगी.
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