उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले से बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एटीएम से 100 और 200 रुपये के नकली नोट मिलने का मामला सामने आया है. इससे स्थानीय लोगों में हड़कंप मचा हुआ है. उन्हें यह तक पता नहीं चल रहा कि इसकी शिकायत कहां की जाए और नकली नोटों का समाधान कैसे मिलेगा? आइए आपको बताते हैं कि इस तरह की दिक्कत से निपटने का तरीका क्या है?
यह है पूरा मामला
फर्रुखाबाद में कोतवाली पुलिस स्टेशन के सामने एक एटीएम है. यहां कई लोगों ने नकली नोट निकलने की जानकारी दी है. एक शख्स ने बताया कि उसने एटीएम से 300 रुपये निकाले थे, जो नकली निकले. कुछ देर बाद एक अन्य युवक ने 400 रुपये निकाले तो नकली नोट की दिक्कत सामने आ गई. दोनों ने चेक किया तो 100 और 200 रुपये के नोट नकली मिले. इसके बाद मामले की शिकायत पुलिस से की गई.
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बैंक या पुलिस प्रशासन से नहीं मिला कोई जवाब
जानकारी के मुताबिक, पीड़ितों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी, लेकिन स्थानीय प्रशासन से किसी भी तरह की मदद नहीं मिली है. वहीं, इस मामले में बैंक या एटीएम कंपनी ने भी कोई सफाई जारी नहीं की है. ऐसे में लोग काफी ज्यादा परेशान हैं. उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि एटीएम से मिले नकली नोट कैसे बदले जाएंगे. वे इसकी शिकायत कहां कर सकते हैं.
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ऐसे हुई नकली नोटों की पहचान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीड़ितों ने बताया कि एटीएम से निकले नोटों पर आरबीआई की जगह आरडी छपा हुआ है. इसके अलावा नोटों पर मौजूद सिल्वर बैंड का कलर भी बदला हुआ है. इससे पता चल गया कि एटीएम से निकले नोट नकली हैं.
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कैसे मिलता है इस समस्या का समाधान?
अगर एटीएम से कटा-फटा, गंदा या नकली नोट निकलता है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. इसके लिए आपको सबसे पहले एटीएम में तैनात गार्ड को नकली नोट होने की जानकारी देनी होती है. इसके बाद एटीएम से संबंधित बैंक की ब्रांच में जाना होगा और वहां एप्लिकेशन लिखकर पैसे निकालने की तारीख, समय और जगह का नाम बताना होगा. इसके अलावा एटीएम से निकली स्लिप की कॉपी भी लगानी होगी. अगर एटीएम से पेमेंट स्लिप नहीं मिली है तो मोबाइल पर ट्रांजेक्शन डिटेल के एसएमएस की जानकारी देनी होगी.
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क्या कहता है RBI का नियम?
इस तरह के मामले में आरबीआई का साफ नियम है कि बैंक इन नोटों को बदलने से इनकार नहीं कर सकता है. अगर एटीएम से कटा-फटा, गंदा या नकली नोट निकल रहा है तो इसके लिए पूरी तरह बैंक जिम्मेदार होता है. आरबीआई ने इस संबंध में जुलाई 2016 के दौरान एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें बताया गया था कि अगर बैंक इस तरह के नोटों को बदलने से इनकार करता है तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है.
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