कश्मीर की घाटी में दौड़ने के लिए तैयार वंदे भारत एक्सप्रेस, बर्फबारी में सफर आसान बनाएंगे ये खास फीचर्स
उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (USBRL) प्रोजेक्ट का इंतजार काफी साल से हो रहा था. रेलवे के आधिकारिक सूत्रों की मानें तो वंदे भारत ट्रेन जनवरी के आखिरी सप्ताह तक कश्मीर के लिए शुरू की जाएगी.
कश्मीर की खूबसूरत वादियों में सफर करना आपके लिए बेहद आसान हो जाएगा. दरअसल, भारतीय रेलवे ने कश्मीर की घाटी में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन (Vande Bharat Express Train) चलाने की तैयारी पूरी कर ली है. इस ट्रेन को जल्द ही हरी झंडी दिखाई जा सकती है. कश्मीर के मुश्किल हालात और बर्फबारी को देखते हुए इस ट्रेन को कई खास फीचर्स से लैस किया गया है. आइए आपको इनके बारे में विस्तार से बताते हैं.
कब शुरू होगी यह ट्रेन?
उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (USBRL) प्रोजेक्ट का इंतजार काफी साल से हो रहा था. रेलवे के आधिकारिक सूत्रों की मानें तो वंदे भारत ट्रेन जनवरी के आखिरी सप्ताह तक कश्मीर के लिए शुरू की जाएगी. इस प्रोजेक्ट की शुरुआत के साथ कश्मीर घाटी के विभिन्न क्षेत्रों तक रेलवे की आरामदायक सुविधा पहुंचाई जा सकेगी. रेलवे के अधिकारी बताते हैं कि उधमपुर-बारामूला प्रोजेक्ट पहली बार 1898 में शुरू किया जाना था, लेकिन पहाड़ी इलाके पर ट्रैक बिछाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा और ऐसा संभव नहीं हो पाया. सीपीआरओ हिमांशु शेखर ने एबीपी न्यूज को बताया कि बर्फबारी से लेकर जीरो टेंपरेचर में लंबी-लंबी ट्रेन चलाने का यह हमारा पहला अनुभव होगा. यह बड़ी चुनौती है, लेकिन इसके लिए हमने काफी रिसर्च की है.
इन फीचर्स से लैस है यह ट्रेन
जानकारी के मुताबिक, वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को इस तरह से तैयार किया गया है, जिसे बर्फबारी और माइनस 10 डिग्री सेल्सियस में भी चलाने पर कोई भी दिक्कत नहीं होगी. इसके लिए ड्राइवर कोच में ड्राइवर की सीट को पहले से ज्यादा आरामदायक बनाया गया है. इसके अलावा इंजन की विंडशील्ड पर भी काफी काम किया गया है. यह विंडशील्ड तीन लेयर की बनाई गई है. इसके अंदर एक लेयर ऐसी है, जो कांच को हमेशा गर्म रखेगी. गर्माहट की वजह से इसे डिफ्रॉस्ट करना आसान होगा.
बर्फबारी में भी नहीं होगी दिक्कत
इंजन के विंडस्क्रीन पर लगे वाइपर के वॉशर में गर्म पानी के छींटे पड़ते रहेंगे, जिससे यहां बर्फ इकट्ठी नहीं होगी. इससे भाप भी नहीं बनेगी, जिससे ड्राइवर को ट्रेन चलाने में दिक्कत नहीं होगी. सभी कोच में बेहतर थर्मोस्टेट इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे माइनस तापमान होने पर भी लोगों का सफर आरामदायक रहेगा.
वॉशरूम में रखा गया यह ध्यान
माइनस तापमान होने पर सबसे ज्यादा दिक्कत पानी जमने की होती है. इसी वजह से सिलिकॉन इंसुलेशन बनाए गए हैं और इनमें हीटिंग फिलामेंट दिए गए हैं, जिससे पानी नहीं जमेगा. पानी की सप्लाई करने वाले पाइप में भी डबल ट्रिपल इंसुलेशन है, जिससे पाइप में भी पानी नहीं जमेगा. वॉशरूम का साइज भी बढ़ाया गया है. इसके अलावा माइनस तापमान में फ्लशिंग सिस्टम जाम न हो जाए, इसके लिए यहां भी हीटिंग पैड्स लगाए गए हैं, जिससे बदबू भी नहीं आएगी.
इस चीजों पर भी फोकस
बर्फबारी के दौरान ब्रेक ठीक से काम कर सकें, इसे ध्यान में रखते हुए तकनीक के जरिए नमी को खत्म किया जाएगा. नमी (मॉइश्चर) होने के चलते फिसलन हो सकती है, जिससे ब्रेक लगने में दिक्कत आती है. इस परेशानी से निपटने के लिए भी काम किया गया है. ट्रेन में RO वॉटर की सुविधा रहेगी. यहां भी गरम पानी की व्यवस्था की गई है.
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