Driving License rules: किसी भी देश में अगर आपको गाड़ी चलानी है. तो उसके लिए आपके पास एक वैलिड लाइसेंस होना जरूरी है. बिना उसके आप ड्राइविंग नहीं कर पाएंगे. सड़कों पर वाहनों चालकों के लिए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कुछ नियम बनाए गए है. इन नियमों के तहत ड्राइविंग लाइसेंस का होना भी जरूरी होता है. मई का महीना खत्म हो चुका है और जून की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में आधार अपडेट से लेकर ड्राइविंग लाइसेंस तक कई ऐसे नियम हैं, जो बदलने वाले हैं. इसमें से कई ऐसे नियम हैं, जो आम लोगों की जेब पर सीधे तौर पर असर डालेंगे. जानते हैं कि 1 जून से कौन-कौन से नियम हैं, जो आपको प्रभावित करेंगे.


ऐसे बनता है ड्राइविंग लाइसेंस


सामान्य तौर पर जब कोई ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदन देता है तो उसे आरटीओ दफ्तर जाकर पहले कंप्यूटराइज टेस्ट देना होता है. फिर उसके बाद आरटीओ में ही ड्राइविंग टेस्ट देना होता है. तब जाकर ड्राइविंग लाइसेंस बन पाता है. लेकिन 1 जून से भारत के मोटर व्हीकल एक्ट में कुछ बदलाव किए गए हैं इन बदलावों के तहत अब  ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए किसी आवेदक को ड्राइविंग टेस्ट के लिए आरटीओ दफ्तर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. हालांकि यह ऑप्शनल होगा 


अगर ये किया तो 25 सालों तक नहीं बनेगा ड्राइविंग लाइसेंस


सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 1 जून से नए परिवहन नियम को लागू करने की घोषणा की है. नियमों में बदलाव के बाद से अब ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए RTP टेस्ट देने की अनिवार्यता को खत्म किया जा रहा है. अब कोई भी व्यक्ति अपने नजदीक के ड्राइविंग टेस्ट सेंटर में जाकर टेस्ट दे सकता है. यह सेंटर केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत होंगे. इसके साथ ही अब अगर कोई व्यक्ति बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाता पकड़ा जाता है तो ऐसी स्थिति में उस पर 2,000 रुपये तक का जुर्माना लगेगा. इसके अलावा अगर कोई शख्स 18 साल से कम उम्र में बिना लाइसेंस गाड़ी चलाते पकड़ा जाता है तो नियम के तहत 25 साल की उम्र तक वो ड्राइविंग लाइसेंस से वंचित रहेगा.


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