Education in Abroad: किसी व्यक्ति के लिए सही एजुकेशन उसके भविष्य को न सिर्फ संवार सकता है, बल्कि उसे एक नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद करता है. ऐसे में हर माता-पिता की यह कोशिश होती है कि उसका बच्चा अच्छे शिक्षा ग्रहण करें. उसके लिए वे तरह-तरह की कोशिश करते हैं. पैसे बचाते हैं, नौकरी करते हैं, सेविंग करते हैं, उसके बेहतर भविष्य के लिए इन्वेस्टमेंट करते हैं. ताकि उसे अच्छे शिक्षा दिलाई जा सके. कुछ माता-पिता की यह कोशिश होती है कि उसका बच्चा इंडिया से बाहर किसी फॉरेन यूनिवर्सिटी में अपनी पढ़ाई कंप्लीट करें. आज के इस महंगाई के दौर में इंडिया से बाहर अपने बच्चों को पढ़ाना काफी मुश्किल काम है. उसमें भी यदि किसी व्यक्ति की सैलरी कम है. आज की स्टोरी में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप इस सपने को पूरा कर सकते हैं.
50 लाख रुपये तक का आ जाता है खर्च
आज के समय में अगर आप अपने बच्चों को इंडिया से बाहर पढ़ना चाहते हैं तो 40 से 50 लाख रुपए के आसपास का खर्च आता है. जो आने वाले समय में और बढ़ भी सकता है. यह यूनिवर्सिटी टू यूनिवर्सिटी अलग-अलग खर्च हो सकता है. अगर आप आज से एक सही निवेश शुरू करते हैं तो 20 साल बाद आपके पास इतने पैसे हो जाएंगे क्या आप अपने बच्चों को इंडिया से बाहर भेज कर उसकी डिग्री हासिल करने में उसकी मदद कर सकें.
कैसे बनेगा फंड?
मान लीजिए आप आज से ही एक SIP शुरू करते हैं. जो 10,000 रुपये प्रति महीना है तो यह अगर 20 साल में औसत 12 फ़ीसदी का भी रिटर्न देता है तो आपके पास एक करोड़ के करीब रुपए हो जाएंगे. बता दें कि म्यूचुअल फंड में औसतन 15 फ़ीसदी के आसपास का सालाना रिटर्न मिलता है. अगर आप आपकी रकम के साथ 15 फ़ीसदी वाला गणित अप्लाई हो जाता है तो आपके पास करीब डेढ करोड रुपए होंगे. यानी आपके पास डेढ़ करोड़ रुपए का फंड होगा, जब आपका बच्चा 20 वर्ष की आयु में होगा. इसीलिए एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि जब बच्चे का जन्म हो तब से ही निवेश की प्लानिंग शुरू कर देनी चाहिए. इससे फायदा यह होगा कि जब बच्चा किसी हायर स्टडी के लिए तैयार होगा तब पैसे की दिक्कत नहीं आएगी.
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