हमारे देश में शादी एक ऐसी चीज है, जिसे लेकर कई महीने पहले से तैयारियां शुरू हो जाती हैं. इसके लिए मैरिज हॉल से लेकर खाना और बाकी तरह की तमाम चीजें बुक कराई जाती हैं, जिनमें लाखों रुपये खर्च होते हैं. आमतौर पर एक मिडिल क्लास फैमिली की शादी में 12 से 15 लाख रुपये तक खर्च हो जाते हैं, जो एक बड़ी रकम है. अब शादी है तो इतना खर्चा होना तो बनता है, लेकिन कई बार जब शादी कैंसिल हो जाती है या फिर तारीख बदलनी पड़ती है तो ये पूरा पैसा डूब जाता है. ऐसे ही लोगों के लिए कई कंपनियां वेडिंग इंश्योरेंस की सुविधा देती है. जिससे लाखों रुपये बचाए जा सकते हैं.
क्या होता है वेडिंग इंश्योरेंस?
दरअसल शादियों में होने वाली किसी भी तरह की परेशानी से निपटने के लिए कंपनियों की तरफ से इंश्योरेंस कवर दिया जाता है. यानी अगर किसी की शादी कैंसिल हो जाती है या फिर पोस्टपोन करनी पड़ती है तो ऐसे में शादी पर हुआ सारा खर्च इंश्योरेंस कंपनी उठाती है.
क्या-क्या होता है कवर?
इस वेडिंग इंश्योरेंस में खाने के वेंडर को दिया गया पैसा, होटल का पैसा, ट्रैवल पर लगने वाला खर्च और डेकोरेशन पर होने वाले खर्च का कवर मिलता है. यानी आपका जितना पैसा लगा है, वो आपको वापस मिल जाएगा. इसके अलावा अगर शादी के दिन रास्ते में कोई दुर्घटना हो जाती है तो आपकी मदद के लिए राइडर्स पहुंचेंगे.
कब नहीं मिलेगा पैसा?
अगर कोई दूल्हा या दुल्हन सुसाइड कर लेते हैं तो इंश्योरेंस का पैसा नहीं मिलेगा. किसी बीमारी से मौत होने पर, आतंकवादी हमला होने पर और अपहरण के मामले में भी इंश्योरेंस पॉलिसी मान्य नहीं होगी.
बता दें कि भारत में हर साल लाखों शादियां होती हैं, जिनमें कई लाख करोड़ रुपये खर्च होते हैं. हर साल ये खर्चा लगातार बढ़ता जा रहा है. लोग अपनी शादी को लग्जीरियस बनाने के लिए पैसा पानी की तरह बहाते हैं. ऐसे ही लोगों के लिए कई बड़ी इंश्योरेंस कंपनियां वेडिंग इंश्योरेंस दे रही हैं.
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