Apaar Card: देशभर के स्कूलों में आधार कार्ड की जगह छात्रों का अपार कार्ड बनेगा. यह फैसला नई शिक्षा नीति के तहत लिया गया है. नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद वन नेशन, वन स्टूडेंट आइडी योजना के तहत यह ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक रजिस्ट्री (अपार) कार्ड बनाया जाएगा, लेकिन अब सवाल है कि यह अपार कार्ड किस तरह आधार कार्ड से अलह होगा? इससे छात्रों को क्या फायदे मिलेंगे?


स्कूली छात्रों के पास होगी अपनी विशिष्ट पहचान संख्या


दरअसल, अपार कार्ड प्रत्येक विद्यार्थी के आधार संख्या पर आधारित होगा.  यह कार्ड विद्यार्थियों के स्थानांतरण में काम आएगा. इसके अलावा 18 साल पूरे होने पर उनके नाम से खुद मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए शामिल किया जा सकेगा. साथ ही स्कूली छात्रों के पास जल्द अपनी विशिष्ट पहचान संख्या होगी.


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अपार कार्ड क्यों है खास?


आपको बताते चलें कि बच्चों के अपार कार्ड के लिए माता-पिता की सहमति अनिवार्य होगी.12 अंकों के आधार आइडी के अलावा प्रत्येक छात्र के पास वन नेशन वन स्टूडेंट परिचय पत्र होगा. यह छात्रों की शैक्षणिक यात्रा सहित उनकी उपलब्धियों के ट्रैक रिकार्ड का परिचय पत्र कहा जा सकता है. इस आईडी में छात्रों के हर एक हुनर दर्ज होंगे. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने प्री-प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक प्रत्येक छात्र के लिए वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी की योजना है.


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यू डायस पोर्टल के माध्यम बनेगा अपार कार्ड


अब सवाल है कि अपार कार्ड कैसे बनेगा? दरअसल अपार कार्ड यू डायस पोर्टल के माध्यम बनेगा. इसके लिए विद्यार्थियों के अभिभावकों से सहमति पत्र लेना होगा. बताते चलें कि केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय के कक्षा नौ से 12 तक के छात्रों की अपार आईडी जारी की जा चुकी है.


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