Organic Eggs vs Synthetic Eggs: हर साल की तरह इस साल भी सर्दियां शुरू होने के साथ ही एक बार फिर से मार्केट में अंडों की डिमांड बढ़ गई है. सर्दियों में अंडे का सेवन ज्यादा होता है, लेकिन आप जो अंडा खा रहे हैं क्या वह असली है? जी हां, आपने बिल्कुल सही सुना है, दरअसल मार्केट में आजकल नकली अंडे भी बिक रहे हैं. अंडे को असली या नकली होने की पहचान किए बिना खाना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है. आज की इस खबर में हम आपको असली और नकली अंडे से जुड़ी कुछ पहचान के बारे में ही बताएंगे. पढ़िए इस खबर को पूरा
नोएडा की न्यूट्रिनिस्ट रीमा हिंगोरानी कहती हैं कि आजकल मार्केट में आर्टिफिशियल या सिंथेटिक अंडे बिक रहे हैं. ये आपको फायदा नहीं पहुंचाएंहे, बल्कि उल्टा आपको बीमार कर सकते हैं.
- सिंथेटिक अंडे का सफेद पार्ट रफ होगा और नेचुरल अंडे का चिकना होता है.
- अंडे को उबालने के बाद, उसे छीलकर काटने पर अगर उसका योक जरूरत से ज्यादा पीला दिखाई दे, तो समझ जाइए कि अंडे में कुछ गड़बड़ है.
- बाजार में सिंथेटिक अंडों के अलावा, प्लास्टिक के अंडे भी बिकते हैं. ये चाइना से आते हैं. जो आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं.
- नकली अंडे का सफेद और पीला भाग, एक ही मटेरियल से बनता है. इसलिए उन्हें मिलाने पर ये आपस में मिक्स हो जाते हैं.
- अंडे तोड़कर देखेंगे तो नकली अंडे का पीला और सफेद पार्ट आपस में मिक्स हो जाएगा.
- नकली अंडे का वॉइट हिस्सा सख्त होता है. इसे दबाकर देखें, अगर आसानी से न फटे, तो वह नकली होगा.
- किसी बर्तन में पानी लें और उसमें अंडे डालें. नकली अंडा पानी में नहीं डूबेगा, जबकि असली डूब जाएगा.
- नकली अंडे को खुले में रखने पर अगर उसमें मक्खियां या चीटियां न लगें, तो समझ जाएं आपका अंडा नकली है.
- नकली अंडे आग के संपर्क में आने पर आग पकड़ लेते हैं, क्योंकि ये प्लास्टिक से मिलकर बने होते हैं.
नकली अंडे का आपकी हेल्थ पर असर
आर्टिफिशियल या प्लास्टिक के अंडे खाना किसी भी इंसान के लिए खतरनाक हो सकता है. ये अंडे अलग-अलग तरह के केमिकल कंपाउंड से मिलकर बने होते हैं. सिंथेटिक अंडों से आपको प्रोटीन नहीं मिलता, बल्कि आपका मेटाबॉलिज्म खराब हो जाता है. अब बात आती है कि आर्टिफिशियल अंडे खाने से हमारी सेहत को क्या नुकसान पहुंच सकता है. नीचे पढ़िए कि कैसे नकली अंडा खाने का आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है.
- मेटाबॉलिज्म पर इफेक्ट
- दिमाग, नर्व सिस्टम और लिवर पर बुरा असर.
- खून बनाने की क्षमता पर हार्मफुल इफेक्ट.
- पेट खराब होना.
- ब्लड प्रेशर बढ़ना.
- हड्डियां कमजोर होना.
- किडनी को नुकसान.
- रीमा हिंगोरानी के मुताबिक इसके लॉन्ग टर्म इफेक्ट में आपकी जितनी लाइफस्टाइल इश्यूज हैं, वो धीरे-धीरे दिखनी शुरू होंगी.
- अगर हॉर्मोन पर असर हो रहा है, तो लड़कियों को पीरियड प्रॉब्लम, हेयर ग्रोथ जल्दी होना, एक्ने की समस्या आएगी.
- आम लोगों को डायबिटीज बढ़ना, थॉयराइड बढ़ना, हार्मोनल डिस्बैलेंस जैसी दिक्कत हो सकती है.
ऐसे करें अंडे की क्वालिटी चेक
- कोशिश कीजिए कि आप ऑर्गेनिक अंडे ही लें.
- जिस दुकान से अंडे खरीद रहे हैं, पहले यह पता कर लें कि उस दुकान में अंडे कहां से आते हैं.
- भागदौड़ भरी जिंदगी में ऐसा करना मुश्किल है, लेकिन फिर भी यह कोशिश करें कि अगर आपका किसी फर्म से कोई कॉन्टैक्ट है, तो उनसे ही अंडे खरीदें.
नेचुरल अंडे खाने के फायदे
अंडे प्रोटीन का सबसे अच्छा सोर्स हैं. ये शरीर में कुछ विटामिन और मिनिरल्स की कमी को भी पूरा करते हैं. जैसे- विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन बी12, विटामिन डी, आयोडीन, ओमेगा-3 आदि. आमतौर पर एक अंडे में लगभग 6 ग्राम प्रोटीन होता है.
दिन में कितने अंडे खाने चाहिए?
अंडे खाने की संख्या आपकी उम्र, जेंडर, पर्सनालिटी और लाइफ स्टाइल पर ज्यादा निर्भर करती है. हर रोज कुछ किलोमीटर चलने के बाद भी ज्यादातर बुजुर्गों का डाइजेस्टिव सिस्टम स्लो होता है. वहीं एक ओर जिम जाने वाला यंग इंसान तेजी से कैलोरी को बर्न कर सकता है. इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर से पूछकर ही अंडे खाने की संख्या तय करें.
ऐसे बनते हैं प्लास्टिक के अंडे
सोडियम अल्जिनेट को गर्म पानी में मिलाकर उसमें जलेटिन, ऐलम और बेन्जोइक को मिलकर एक मिश्रण तैयार कर लिया जाता है. उसके बाद इस मिश्रण से नकली अंडा तैयार होता है. अंडे के पीले और सफेद दोनों हिस्सों को बनाने में इसी मिश्रण का इस्तेमाल होता है. पीले हिस्से के लिए बस इस मिश्रण में थोड़ा सा पीला रंग भी मिला दिया जाता है. जबकि, अंडे के छिलके को तैयार करने के लिए कैल्शियम क्लोराइड का इस्तेमाल किया जाता है.
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