Dimapur-Kohima New Rail Line Project: अरुणाचल प्रदेश, असम व नागालैंड के बीच रेल कनेक्टिविटी के लिए भारतीय रेलवे इन दिनों खूब जोर शोर से डिमापुर-कोहिमा न्यू ब्रॉड गेज रेल लाइन परियोजना पर काम कर रहा है. इसका पहला चरण पूरा हो चुका है. इसी कारण 100 साल बाद नागालैंड में 2 अगस्त को एक नया रेलवे स्टेशन रेलवे लाइन से जुड़ा. डोनी पोलो एक्सप्रेस का नए बने रेलवे स्टेशन शोखुवि तक विस्तार इसी परियोजना का हिस्सा है. नॉर्थ ईस्ट की बढ़ती रेल कनेक्टिविटी स्थानीय लोगों और पर्यटकों को काफी लाभ देने वाली है. आइए जानते हैं इस परियोजना के पूरा होने पर कैसे लाखों लोगों को लाभ मिलेगा?
तीन चरणों में परियोजना
डिमापुर-कोहिमा न्यू ब्रॉड गेज रेल लाइन परियोजना तीन चरणों में विकसित हो रही है. जिसका पहला चरण पूरा हो गया है. धनसिरी से शोखुवि तक का काम पूरा हो गया है. इसीलिए 26 अगस्त को नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने डोनी पोलो एक्सप्रेस के विस्तार का शुभारंभ किया. डोनी पोलो एक्सप्रेस असम के गुवाहाटी और अरुणाचल प्रदेश के नाहरलागुन तक चलती थी. जो अब शोखुवि तक चलने लगी है. दूसरे चरण के तहत शोखुवि से फेरिमा और तीसरे चरण में फेरमा से जुब्जा तक रेल लाइन बिछेगी. दोनों चरणों का काम भी काफी तेज गति से चल रहा है. 2026 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
काफी रोमांचक होगा इस रेल लाइन का सफर
भारतीय रेलवे द्वारा बिछाई जा रही नई रेल लाइन पर सफर करना काफी रोमाचक होगा. क्योंकि इस रूट पर 20 छोटी-बड़ी सुरंगे देखने को मिलेंगी. 24 बड़े पुल और 158 छोटे पुल, 4 रोड ओवर ब्रिज, 32 रोड अंडर ब्रिज का नजारा भी देखने लायक होगा. इस लाइन पर कुल 8 स्टेशन होंगे. जहां क्षेत्रीय लोग भारत में कहीं आ जा सकेंगे. वहीं पर्यटक की पहुंच भी शुखोवि स्टेशन तक हो गई है. ऐसे में सड़क यात्रा पर कम निर्भर रहना पड़ेगा. इससे समय और खर्च की बचत भी होगी.
यह मिलेगा लाभ
डोनी पोलो एक्सप्रेस के विस्तार से नागालैंड और मणिपुर के यात्री गुवाहाटी तक आसानी से आ जा सकेंगे. इससे नागालैंड के कृषि उत्पाद सीधे खरीददारों के हाथों में पहुंच सकेंगे. राज्य के आर्थिक विकास के बढ़ावे के साथ नागालैंडवासी अब काम के लिए आसानी से सफर कर सकेंगे. शिक्षा प्राप्त करने के लिए युवा और स्वास्थ्य चिकित्सा के लिए लोग रेल का सहारा ले सकते हैं. लोगों से संपर्क और सांस्कृतिक गतिविधियों के आदान प्रदान में भी लाभ मिलेगा. औद्योगिक गतिविधियां सीधे देश से जुड़ सकेंगी. यात्री और पर्यटक सीधे नागालैंड तक पहुंच सकते हैं. राज्य में रोजगार के आयाम भी बढ़ेंगे.
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