Gold Insurance :आजकल सोने से बनी ज्वेलरी की स्नैचिंग की घटना आम बात हो गई है, चोर हमारे सामने ही हमारे गहने छीन कर भाग जाते हैं और हम कुछ नही कर पाते, सिर्फ हाथ मलते रह जाते हैं. अगर आपके पास या फिर घर में सोने से बने गहने हैं और आपको उनके चोरी होने या खोने का डर सता रहा है तो आपके लिए राहत भरी खबर है.  अब आपकी ज्वेलरी चोरी होती है या खोती है तो उसके पूरे पैसे आपको मिलेंगे. इसके लिए बस आपको ये कुछ जरूरी काम करवाने होंगे.

  


अगर आप ज्वेलरी खरीद रहें हैं तो उस दौरान मिलनें वाले फ्री इंश्योरेंस का आपको फायदा उठाना चाहिए. अगर आप इंश्योरेंस करवाते हैं तो आपको बीमा कंपनी की तरफ से फुल रिफंड दिया जाएगा. फिर चाहे आपका सोना रास्ते में गिर जाए, चोरी हो जाए, आग में जल जाए आप बेफिक्र रहेंगे आपको टेंशन लेने की कोई जरूरत नहीं है.


जाने क्या हैं गोल्ड इंश्योरेंस


गोल्ड इंश्योरेंस के अंदर आपके गोल्ड के सुरक्षा की गारंटी होती है, जैसे गाड़ियों का, हेल्थ का इंश्योरेंस होता है ठीक उसी प्रकार गोल्ड इंश्योरेंस के अंदर आपके गहने की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है. अगर आपके गोल्ड की चोरी या अन्य किसी तरह से नुकसान होता है तो बीमा कंपनी द्वारा आपको गोल्ड के दाम की भरपाई की जाती है. लेकिन इसके लिए सबसे जरूरी बात यह है कि जब आप इसके लिए क्लेम करेंगे तो उस समय आपके पास ज्वेलरी की खरीद वाली रसीद होनी चाहिए, अगर आपके पास रसीद नही है तो आप क्लेम नही कर पाएंगे. क्योंकि हर बीमा कंपनी की अपनी एक अलग पॉलिशी होती है जिसके तहत वह नुकसान की भरपाई करती है.


कंपनी क्यों दे रही पैसा


अगर आप यह सोच रहें हैं कि सोना तो मैंने गायब किया है, चोर ने मेरे घर से चोरी की है, चैन की स्नैचिंग मेरे गले से हुई है तो आखिर मेरी गलती का भुगतान कंपनी क्यों कर रही है. दरअसल, जब आप सोना खरीदने के लिए किसी नामी ज्वैलरी शॉप पर जाते हैं तो आपको वहां ज्वैलरी के साथ एक साल या इससे ज्यादा की  इंश्योरेंस पॉलिशी मिलती है, इसी पॉलिसी के तहत कंपनी आपके नुकसान की भरपाई करती है.


कौन सी कंपनी देती है  इंश्योरेंस- क्या है सरकार की पॉलिसी


अभी तक भारत में कुछ ही कंपनियां गोल्ड इंश्योरेंस देती हैं जिसमें एचडीएफसी, रिलायंस जनरल इंश्योरेंस, रोयल सुंदरम और ओरिएंटल इंश्योरेंस शामिल है. क्लेम करने के लिए जैसे ही आपकी ज्वेलरी चोरी होती है या अन्य कारणों के चलते गायब हो जाती है तो सबसे पहले कंपनी के टोल फ्री नम्बर पर आपको इसकी जानकारी देनी होगी,इसके अलावा कंपनी को एक मेल करना होगा जिसके बाद ही आपका क्लेम हो पाएगा. इसके बाद इंश्योरेंस कंपनी की तरफ सर्व किया जाएगा अगर उस दौरान आपका क्लेम उनको सही लगा तो ही आपको मिलेगा अन्यथा नही मिलेगा. भारत में अभी तक इस तरह के इंश्योरेंस पर सरकार का कोई डायरेक्ट हस्तक्षेप नही है.


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