Rash Driving: क्या कहती है IPC की धारा 279? जानिए रैश ड्राइविंग क्या होती है और इसके लिए सजा का प्रावधान
कोर्ट का कहना है कि यह धारा उस स्थिति में लगाई जा सकती है, जब एक्सीडेंट में कोई इंसान की उपस्तिथि हो. इसके अलावा हर एक्सीडेंट में स्तिथि अलग भी हो सकती हैं. जिनमें कार्यवाही का तरीका अलग है.
Rash Driving Rules: अगर कभी आपकी गाड़ी से कोई पालतू जानवर जैसे कुत्ता आदि टकरा जाए तो क्या होगा? स्थिति को लेकर क्या नियम बनाए गए हैं? क्या ऐसा होने पर आपको जेल या किसी और तरह की कोई सजा मिल सकती है? क्या आप पर रैश ड्राइविंग का केस लग सकता है? आज हम आपको बताते हैं कि पालतू कुत्ते के एक्सीडेंट से जुड़े नियम क्या कहते हैं. साथ ही यह भी बताते हैं कि कानून के हिसाब से आप पर रैश ड्राइविंग का केस कब लग सकता है और उससे जुड़ी शर्ते क्या कहती हैं. पढ़िए इस पूरी खबर को
बेंगलुरु में हुआ एक ऐसा केस?
दरअसल, बेंगलुरु में एक ऐसा ही कैसे हुआ, जिसमे हाईकोर्ट ने कहा कि किसी भी पालतू जानवर की कार से टक्कर पर रैश ड्राइविंग का केस नहीं बनता है. उस व्यक्ति पर IPC सेक्शन 279 के तहत कार्रवाई नहीं की जा सकती है. न्यायालय का कहना है कि यह धारा उस स्थिति में लगाई जा सकती है, जब एक्सीडेंट में कोई इंसान की उपस्तिथि हो. जिसका मतलब यह हुआ कि इंसान से एक्सीडेंट होने की स्थिति में रैश ड्राइविंग के लिए IPC 279 लगाई जा सकती है.
क्या है IPC 279?
IPC की धारा 279 सड़क दुर्घटना से संबंधित है. इस धारा के अनुसार अगर कोई किसी वाहन को एक सार्वजनिक मार्ग पर किसी भी तरह की जल्दबाजी या लापरवाही से चलाता है, जिससे किसी व्यक्ति के जीवन को कोई संकट होती है. तब उस ड्राइवर पर रैश ड्राइविंग का चार्ज लग सकता है. इसमें दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को 6 महीने की जेल हो सकती है. इसके अलावा, 1000 रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है. हालांकि, कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि ऐसा सिर्फ इंसान से एक्सीडेंट की स्थिति में ही हो सकता है. किसी जानवर के टकराने की स्तिथि में यह धारा नहीं लगाई जा सकती है. हालांकि, इसके अलावा हर एक्सीडेंट में स्तिथि अलग भी हो सकती हैं. गौरतलब है कि घटना का मोटिव भी देखा जाता है. अगर जानबूझकर किसी जानवर को मारा जाए तो इस पर कोर्ट अलग तरह से कार्रवाई कर सकता है.
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