World Teachers’ Day : आप सोच रहे होंगे कि अभी एक महीना पहले ही 5 सितंबर को तो भारत में टीचर्स डे मनाया गया था. तो फिर अब ये एक टीचर्स डे कहां से आ गया. आपको बता दें कि बेशक भारत 5 सितंबर को टीचर्स डे मनाता हो, लेकिन पूरी दुनिया हमारे देश से 1 महीने के बाद यानि 5 अक्टूबर के दिन टीचर्स डे मनाती है आइए जानते हैं भारत के टीचर्स डे और दुनिया के टीचर्स डे के बारे में और साथ ही ये भी जानेंगे कि ऐसा क्यों है


भारत में 5 सितंबर को होता है टीचर्स डे


दरअसल, भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के सम्मान में भारत के लोग 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने 1962 से 1967 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा की. देश के राष्ट्रपति रहते हुए जब लोगों ने राधाकृष्णन से उनका जन्मदिन मनाने की गुजारिश की, तो उन्होंने इसे शिक्षकों को याद करते हुए मनाया जाने के इच्छा प्रकट की, क्योंकि डॉक्टर राधाकृष्णन का मानना था कि देश का भविष्य बच्चों के हाथों में है और बच्चों के उज्जवल भविष्य की नींव रखने में शिक्षकों का अहम योगदान रहता है. यही कारण है कि भारत में उनके जन्मदिवस 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है.


5 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है


वहीं, पूरी दुनिया भारत से ठीक एक महीने बाद 5 अक्टूबर को टीचर्स डे (Teacher's Day) मनाती है. इसको मनाने की वजह हम आपको बताते हैं.दरअसल, 5 अक्टूबर 1966 को पेरिस में एक कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था, जिसमे शिक्षकों की स्तिथि पर चर्चा हुई थी और इसके लिए सुझाव प्रस्तुत किए गए थे. तब शिक्षकों के अधिकारों व जिम्मेदारी समेत उनसे जुड़ी सिफारिशों को यूनेस्को ने लागू किया था. इसी कॉन्फ्रेंस के सम्मान में यूनेस्को ने 1994 में 5 अक्टूबर को टीचर्स डे मनाने का ऐलान किया था. 1994 के बाद से प्रतिवर्ष लगभग 100 से अधिक देशों में 5 अक्टूबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा और इस क्रम में वर्ष 2022 में यह 28वाँ विश्व शिक्षक दिवस (World Teacher's Day) होगा. हालांकि कईं और देश भी भारत की ही तरह अलग अलग तारीख को अपना शिक्षक दिवस मनाते हैं. लेकिन शिक्षक दिवस मनाने के पीछे सबका उद्देश्य समाज के प्रति शिक्षकों की सेवा को सम्मान देना ही है.


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