Indian Railway News: मणिपुर राज्य में अब आपको माल ढुलाई करती मालगाड़ियां दिख जाएंगी. इससे राज्य में व्यापार करना और माल ट्रांसपोर्ट करना सरल हो गया है. यहां हम आपको बता रहे हैं कि मणिपुर राज्य में आजादी के बाद पहलीबार 2022 में ट्रेन पहुंची है. आखिर रेलवे के सामने क्या ऐसी चुनौतियां थीं. जिनके कारण यहां रेलवे लाइन नहीं बिछाई जा सकी. रेलवे लाइन न होने के चलते यहां से माल ढुलाई काफी कठिन थी. जो सिर्फ सड़क मार्ग से ही संभव हुआ करती थी. इसमें समय के साथ माल ढुलाई खर्च भी अधिक लगता था. नॉर्थ ईस्ट की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए मोदी सरकार ने किस तरह काम किया. आइये जानते हैं इसके बारे में...
जनवरी 2022 में पहुंची थी मालगाड़ी
मणिपुर में पहलीबार जनवरी 2022 में मालगाड़ी पहुंची थी. जो मणिपुर के रानी गैदिनल्यू रेलवे स्टेशन पर पहुंची थी. इस राज्य में इसके बाद शुरू हुआ माल ढुलाई का अभूतपूर्व कार्य अब राज्य की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ा रहा है.
रेलवे के लिए क्या थी चुनौती?
मणिपुर पहाड़ी राज्य है. इस कारण रेलवे के लिए सबसे बड़ी चुनौती यहां रेलवे लाइन बिछाना था. मणिपुर में बिछाई गई नई रेलवे लाइन 111 किलोमीटर लंबी है. यह जिरीबाम से इंफाल तक चलती है. जिरीबाम रेलवे स्टेशन असम और मणिपुर सीमा से तकरीबन 15 किलोमीटर दूर है.
ऐसे बिछाई गई लाइन
रेलवे ने नई रेल लाइन के लिए 46 सुरंग, 153 से अधिक ओवरब्रिज आदि बनाए. यहां के नौनी जिले में सबसे ऊंचा ब्रिज भी देखने को मिल जाएगा. जिसकी ऊंचाई 141 मीटर है. रेलवे अब तक 15 से 20 हजार करोड़ रुपये खर्च कर चुका है. यह रेलवे लाइन परियोजना 2013 में शुरू की गई थी.
राज्य का यह है प्रमुख व्यवसाय
मणिपुर में हथकरघा, रेशम उत्पादन, हस्तशिल्प वाले उद्योग सबसे अधिक हैं. जो राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बने हुए हैं. यहां कृषि, वन उत्पाद, उद्योग, खनन और पर्यटन क्षेत्र में सबसे ज्यादा कमाई होती है. मालगाड़ियों का संचालन शुरू होने से यहां से माल ढुलाई और अन्य ट्रांसपोर्टेशन आसान हो गया है. नॉर्थ ईस्ट की मुख्य धारा से जुड़ने के चलते राज्य में प्रतिदिन रोजगार और आत्मनिर्भरता के अवसर भी बढ़ने लगे हैं.
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