साल 2010 में नीतीश कुमार ने कहा था कि खिलाड़ी मेडल जीतकर लाएं और सरकार उन्हें नौकरी देगी. इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए नीतीश कुमार ने बिहार में अब तक करीब 341 खिलाड़ियों को सरकार के अलग-अलग विभागो में एवन क्लास की नौकरी ऑफर की है. बिहार में खेलों को बढ़ावा दिया जा रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि किन खिलाड़ियों को इस योजना के तहत महरूम रखा जा रहा है, यानी वो कौन से खिलाड़ी हैं जो बिहार सरकार की इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं, आइए जानते हैं.
क्या है नौकरी की ये योजना
इस योजना में वैसे तो खिलाड़ियों को नौकरी देने की अलग अलग शर्तें रखी गई हैं जिसके अंतर्गत कांस्य पदक विजेता, सिल्वर मेडलिस्ट और गोल्ड मेडलिस्ट को अलग अलग पदों पर नौकरी दी जाएगी, साथ ही अगर भविष्य में खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें पदोन्नत भी कर दिया जाएगा. योजना में सबसे ऊंचा स्थान उस खिलाड़ी को दिया जाएगा जो ओलंपिक गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर आया होगा. इसके साथ ही सिल्वर और ब्रॉन्ज ओलंपिक मेडल विजेता को भी सरकारी नौकरी में अच्छा पद दिया जाएगा. इससे जुड़ी जानकारी आप योजना की ऑफिशियल वेबसाइट पर प्राप्त कर सकते हैं.
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इन खिलाड़ियों को नहीं दी जाएगी नौकरी
इस योजना में उन खिलाड़ियों को नौकरी नहीं दी जाएगी जो बिहार सरकारी सेवक नियमावली 2005 और 2015 की शर्तों के लिए पात्र नहीं है. इसके अलावा अगर किसी खिलाड़ी की उम्र 18 साल से कम है तो उसे भी नौकरी से वंचित रखा जाएगा. इसके अलावा खेल कोटा के अंतर्गत नौकरी इसी शर्त पर दी जाएगी कि खिलाड़ी नियुक्ति तिथि से आने वाले 5 सालों तक सक्रिय खिलाड़ी के रूप में खेलों में हिस्सा लेंगे और इस BOND पर साइन करेंगे कि वह इस नियम का पालन करेंगे. जो भी खिलाड़ी BOND से पीछे हटेगा वो नौकरी के लिए पात्र नहीं होगा. इसके अलावा नौकरी लेने के बाद यदि खिलाड़ी बंधक पत्र की शर्तों को पूरा नहीं करता है तो उसे नौकरी नहीं जाएगी.
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अब तक इतने खिलाड़ी उठा चुके योजना का लाभ
बता दें कि राज्य में खेलों के प्रति युवाओं की रुचि बढ़ाने के लिए राज्य सरकार के द्वारा ‘मेडल लाओ नौकरी पाओ’ तर्ज पर ‘बिहार उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति नियमावली 2023’ बनाई गई है. विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय पदक जीतने वाले उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सरकारी विभागों में नियुक्ति देने का प्रावधान किया गया है. इसके तहत वर्ष 2023-24 में मेडल लाओ-नौकरी पाओ योजना के अंतर्गत 71 उत्कृष्ट खिलाड़ियों को परीक्षा और इंटरव्यू के बिना विभिन्न सरकारी विभागों में क्लास वन की सरकारी नौकरी का सीधे नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया. अब तक बिहार में 342 खिलाड़ियों को नौकरी दी जा चुकी है.
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