First to Voter of India: किसी भी देश की सरकार के चुनाव के लिए वोटिंग की जाती है. मतदान को महादान माना जाता है. बड़े-बड़े सेलिब्रिटी से लेकर देश के पीएम तक, सभी लोग आम जनता से वोट करने की अपील करते हैं. इसका असर भी देखा जाता है. कई बार कुछ क्षेत्रों से ऐसी खबर आती है कि रिकॉर्ड मतदान हुआ है. पिछले कई चुनाव में हुए वोटिंग के रिकॉर्ड टूट गए हैं. क्या कभी आपने सोचा है कि जब देश आजाद हुआ था तब सबसे पहले किसने वोट दिया था. यानी देश का पहला वोटर कौन था? आज इस दिलचस्प स्टोरी के बारे में जानने वाले हैं.
अधिक उम्र के चलते नहीं मिली थी 10वीं में एडमिशन
श्याम सरण नेगी ने 25 अक्टूबर 1951 को पहली बार मतदान किया था और वे आजाद भारत के पहले वोटर बने थे. आजादी के बाद फरवरी 1952 में भारत में पहला आम चुनाव हुआ था. श्याम सरण नेगी का जन्म जुलाई 1917 में किन्नौर के कल्पा में हुआ था. वह 10 साल की उम्र में स्कूल गए, जहाँ उनकी पांचवीं तक की शिक्षा पूरी हुई. इसके बाद, उन्होंने अपनी पढ़ाई के लिए रामपुर जाने का निर्णय किया. रामपुर जाने के लिए उन्हें पैदल तीन दिन लगते थे. उन्होंने अपनी नौवीं कक्षा तक की पढ़ाई रामपुर में पूरी की. उम्र ज्यादा होने से 10वीं कक्षा में प्रवेश नहीं मिला. श्याम सरण नेगी ने 1940 से 1946 तक वन विभाग में वन गार्ड की नौकरी की, और उसके बाद शिक्षा विभाग में चले गए, कल्पा लोअर मिडल स्कूल में अध्यापक बने.
ऐसे बने थे आजाद भारत के पहले वोटर
श्याम सरण नेगी, जो 1 जुलाई 1917 को कल्पा में जन्मे थे, उन्होंने पहला वोट 25 अक्टूबर 1951 को ब्रिटिश शासन के समाप्ति के बाद हुए पहले चुनाव में दिया था. कल्पा जनजातीय जिले का हिस्सा है. वहां बर्फबारी होने से पहले ही मतदान प्रक्रिया हो चुकी थी और श्याम सरण नेगी ने सबसे पहले वोट डाला था. देश में फरवरी 1952 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ था, लेकिन किन्नौर में भारी हिमपात के कारण पांच महीने पहले सितंबर 1951 में ही चुनाव हो गए थे. उस वक्त श्याम सरण नेगी किन्नौर के मूरंग स्कूल में अध्यापक थे और चुनाव में उनकी ड्यूटी लगी थी. उन्होंने सुबह वोट डालकर ड्यूटी पर जाने की इजाजत मांगी. वे सुबह-सुबह मतदान स्थल पहुंचे और 6:15 बजे मतदान ड्यूटी पार्टी पहुंची. नेगी के निवेदन पर उन्हें वोट देने की इज़ाज़त मिली और इस तरह वे आजाद भारत के पहले मतदाता बन गए.
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