Withdraw PF Money: यदि आपने अपनी नौकरी खो दी है या हाल ही में अपनी पुरानी नौकरी छोड़ी है या किसी आपात स्थिति में फंस गए हैं, तो आपको अपना भविष्य निधि यानी PF का पैसा निकालने का मन कर सकता है. हालांकि, एक्सपर्ट हमेशा आपको पीएफ बैलेंस न निकालने का विकल्प चुनने को कहते हैं. यदि आप पैसा निकालते हैं, तो आप बेहतर भविष्य के लिए किए गए निवेश से चूक जाते हैं. साथ ही कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के माध्यम से नियमित पेंशन पाने की आपकी संभावना भी प्रभावित हो जाती है. आइए समझते हैं कि इसके पीछे का असल कारण क्या है.


नए जॉब के साथ ट्रांसफर कर सकते हैं पैसा


नौकरी छोड़ने के बाद आपको पीएफ का पैसा तभी निकालना चाहिए जब कोई आपात स्थिति हो. नौकरी छोड़ने पर भी आपके पीएफ खाते में जमा रकम पर ब्याज मिलता रहता है. साथ ही, किसी नई फर्म में नई नौकरी मिलते ही इसे नई कंपनी में स्थानांतरित किया जा सकता है. EPFO की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, कोई व्यक्ति जिसके पास नौकरी नहीं है, वह पीएफ खाते में योगदान नहीं कर सकता है. एक कर्मचारी नौकरी छोड़ने के बाद ईपीएफ में योगदान नहीं कर सकता, क्योंकि सदस्य द्वारा किया गया कोई भी योगदान नियोक्ता के योगदान के हिस्से के साथ मेल खाना चाहिए.


इस कारण से मिल जाता है तुरंत पैसा


अगर आप पुरानी नौकरी छोड़कर नई कंपनी ज्वाइन करते हैं तो आप अपनी पूरी पीएफ रकम नई कंपनी में ट्रांसफर करा सकते हैं. आपका पीएफ खाता निरंतरता में चलता हुआ माना जाएगा और इससे आपकी पेंशन योजना बंद नहीं होगी. रिटायर होने के बाद यदि आप निकासी नहीं करते हैं तो आप अपने पीएफ जमा पर मिलने वाले ब्याज को जारी रख सकते हैं. बता दें कि रिटायर होने के तीन साल बाद आपका खाता निष्क्रिय हो जाएगा. भविष्य निधि बकाया की निकासी के लिए कोई समय सीमा नहीं है. केवल सेवा से इस्तीफा देने (रिटायरमेंट नहीं) की स्थिति में किसी सदस्य को पीएफ राशि की निकासी के लिए दो महीने तक इंतजार करना पड़ता है. इन दिनों सरकार कोविड का रीजन बताने पर तुरंत पैसा जारी कर देती है.


पीएफ का पैसा निकालने का क्या है नुकसान?


पीएफ का पैसा निकालने का क्या नुकसान होता है. इसे समझने के लिए पहले यह समझना होगा कि एक निर्धारित सैलरी पर कितना पीएफ कटता है. अगर ऐसा होता है तो रिटायर होने पर आपको कितना पैसा मिलेगा. मान लीजिए किसी व्यक्ति की सैलरी 15 हजार रुपये महीना है. मौजूदा पीएफ ब्याज दर के हिसाब से उसे 8.15% ब्याज मिलेगा. 15 हजार रुपये सैलरी के हिसाब से महीने का 2351 रुपया पीएफ कटेगा. ऐसे में 10 साल में टोटल 4.34 लाख रुपये इकठ्ठा हो जाएगा. यही राशि 20 साल में बढ़कर 14.11 लाख रुपये हो जाएगी. अगर उसने 20 साल की उम्र से नौकरी शुरू की है तो 40 साल बाद जब उसकी उम्र 60 वर्ष होगी तब यह राशि 86 लाख तक पहुंच जाएगी. इस आंकड़े के साथ आप यह अंदाजा लगा सकते हैं कि अगर आपकी सैलरी ठीक-ठाक है तो आपको तो बिलकुल भी पीएफ निकालने के बारे में नहीं सोचना चाहिए.


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