BMI कैलकुलेटर
Calculate your Body Mass Index (BMI)
कैलकुलेट करें अपना बॉडी मास इंडेक्स
बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) बॉडी फैट नापने का कैलकुलेटर है जो किसी शख्स की हाइट और उसके वेट के आधार पर नापते हैं. अपना बीएमआई जानने के लिए अपना वेट और हाइट इस कैलकुलेटर में डालें जिसके बाद आपका बीएमआई निकल आएगा।
बीएमआई (Body Mass Index) ठीक है या या नहीं, कहां होता है बीएमआई कैलकुलेटर का प्रयोग?
एक स्वस्थ व्यक्ति का वेट उसकी हाइट के हिसाब से होना चाहिए और इसके लिए मानक निर्धारित है. आपकी लंबाई और वेट का अनुपात ही बीएमआई या बॉडी मास इंडेक्स कहलाता है और इसको मापने के लिए अलग-अलग कैलकुलेटर आते हैं. ये किस फॉर्मूले पर काम करता है और इसके इस्तेमाल की जरूरत कहां होती है, आपको इसके बारे में जानना चाहिए.
बॉडी मास इंडेक्स का क्या है फॉर्मूला?
बीएमआई को कैलकुलेट करने का एक सामान्य सा फॉर्मूला होता है और इसके लिए व्यक्ति को अपना वेट और अपनी हाइट एकदम ठीक तरह से डालनी होती है जिसके बाद बीएमआई= वजन / (ऊंचाई X ऊंचाई) या बीएमआई =वजन/ (लंबाई स्क्वेयर)
बीएमआई का क्या है मानक?
किसी व्यक्ति की ऊंचाई और वजन के आधार पर अगर उसका बीएमआई इंडेक्स 18.5 से कम आता है तो ये सामान्य से कम होता है. अगर आपका बीएमआई स्तर 18.5 से 24.9 के बीच में है तो यह एकदम ठीक स्थिति है. बीएमआई स्तर अगर 25 या उससे ऊपर है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए. ऐसे लोगों को दिल की बीमारी, स्ट्रोक, डाइबिटीज होने का डर रहता है. 30 से ज्यादा बीएमआई होने पर मोटापे से जुड़ी सभी बीमारियों के लिए आपका शरीर ज्यादा मुफीद है.
बीएमआई कैलकुलेटर का इस्तेमाल किनके लिए सही नहीं होता?
एक बात ध्यान रखने की है जो जरूरी भी है कि बीएमआई का इस्तेमाल गर्भवती महिलाओं या बुजुर्गों तथा छोटे बच्चों के लिए नहीं करना चाहिए, साथ ही बॉडी बिल्डर्स और एथलीट्स के लिए भी बीएमआई का उपयोग नहीं होना चाहिए. इसकी एक बड़ी वजह है कि इन मामलों में यह सही कैलकुलेशन करने में सक्षम नहीं है. इसके पीछे इस बात का कारण बताया जाता है कि बीएमआई मांसपेशियों या वसा को अलग रूप से नहीं समझ पाता है? उदाहरण के लिए इसे इस तरह समझिए कि गर्भवती महिलाओं का वजन सिर्फ उनके वेट के आधार पर नहीं बल्कि इसमें गर्भ में पल रहे बच्चे का वजन भी शामिल होता है. अगर आपका बीएमआई इंडेक्स आपकी ऊंचाई और वजन के आधार पर 18.5 से कम आता है तो ये वजन सामान्य से कम है और इसे बढ़ाए जाने की जरूरत है. बीएमआई का आदर्श स्तर 18.5 से 24.9 के बीच में माना जाता है. जिन लोगों का बीएमआई इस लेवल के बीच में आता है उनके लिए इसे मेंटेन करने की जरूरत है. 25 या उससे ज्यादा बीएमआई आने पर अलर्ट होने की जरूरत है क्योंकि इस बीएमआई लेवल वालों को डायबिटीज टाइप 2, हार्ट डिजीज या स्ट्रोक होने का डर रहता है. वहीं अगर 30 से ज्यादा बीएमआई होता है तो मोटापे या ओबेसिटी से होने वाले साइड इफेक्टस का आपके शरीर को बड़ा खतरा है.
बीएमआई की सीमाएं या लिमिट क्या हैं?
एक जरूरी बात ये है कि स्वस्थ शरीर और मानक वजन का आधार सिर्फ केवल बीएमआई नहीं हो सकता. आयु और जेंडर यानी लिंग से भी बीएमआई यानी बॉडी मास इंडेक्स पर असर पड़ता है. बीएमआई को आपके शरीर की लंबाई और वजन का रेश्यो माना जा सकता है. बीएमआई से ये पता लगाया जा सकता है कि आपके शरीर का वजन आपकी हाइट के मुताबिक ठीक है या नहीं, लेकिन इसकी अपनी लिमिटेशन भी हैं. आपके शरीर के किस भाग में कितनी चर्बी या फैट जमा है ये बीएमआई के जरिए पता नहीं लग सकता है. जानकारों के मुताबिक बीएमआई स्वस्थ शरीर के वजन का एक इंडीकेटर तो जरूर है, लेकिन इसकी भी कुछ लिमिट हैं. बीएमआई किसी व्यक्ति के संपूर्ण अनुपात या संरचना का सही आकलन नहीं कर सकता. मांसपेशियों, हड्डी के वजन और फैट के कारण हरेक की बॉडी अलग होती है और सिर्फ मानक बीएमआई के आधार पर ये मानना कि स्वस्थ शरीर है या नहीं, ये उचित नहीं है.
बीएमआई की सीमाएं व्यस्कों यानी एडल्ट्स के लिए अलग क्यों हैं?
जैसा कि बीएमआई के बारे में हमने पहले ही आपको बताया कि ये पूरी तरह से सही नहीं हो सकता है. बीएमआई से शरीर के अतिरिक्त वजन की माप पता चलती है, इससे शरीर में अतिरिक्त फैट का पता नहीं लगाया जा सकता. अलग-अलग आयु, लिंग, मांसपेशियों और शरीर में फैट जैसे फैक्टर्स से बीएमआई पर असर देखा जाता है. इसका एक उदाहरण देखें तो एक व्यस्क शख्स जो बीएमआई के मानकों के मुताबिक स्वस्थ वजन का होता है लेकिन वह अपने डेली रूटीन में एक्सरसाइज या वर्कआउट नहीं करता तो उसके शरीर में अतिरिक्त चर्बी या फैट जमा होने की संभावना होती है. ऐसे में भले ही उसके शरीर में अतिरिक्त वजन न हो और बीएमआई लेवल के आधार पर वह आदर्श स्थिति में आ रहा हो तो भी वह व्यक्ति स्वस्थ नहीं माना जा सकता. उसी बीएमआई का उच्च मांसपेशी संरचना वाला कम उम्र का व्यक्ति स्वस्थ माना जाएगा, इस तरह से व्यस्कों याानी एडल्ट्स के लिए बॉडी मास इंडेक्स यानी बीएमआई के लिए अलग तरह की लिमिट हैं.