कीड़े, काई और गंदे मोजे बदल रहे ताजमहल का रंग : ASI
By : ABP News Bureau | Updated at : 09 May 2018 03:57 PM (IST)
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आज केंद्र ने बताया कि कोर्ट के निर्देश के मुताबिक विशेषज्ञ टीम का गठन जल्द ही कर दिया जाएगा. कोर्ट ने इस पर संतोष जताते हुए सरकार को 4 हफ्ते का समय दिया. लेकिन ASI के जवाब ने जस्टिस मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की बेंच को नाराज़ कर दिया.
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कोर्ट ने सरकार से इस पहलू पर भी हलफनामा दाखिल करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई जुलाई में होगी. कोर्ट ने यूपी सरकार से पहले ही कह रखा है कि वो ताजमहल को सदियों तक सुरक्षित रखने का विज़न डॉक्यूमेंट बना कर जुलाई में पेश करे.
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ASI के वकील ने पर्यटकों के गंदे मोजों को भी ताजमहल में गंदगी की वजह बताया. उन्होंने कहा कि ASI सिर्फ अति विशिष्ट लोगों (VIP) को मोजे देता है. बाकी पर्यटक अपने मोजों का इस्तेमाल करते हैं.कोर्ट इस दलील से भी आश्वस्त नज़र नहीं आया. कोर्ट ने कहा कि अगर ASI ने अपना काम ज़िम्मेदारी से किया होता तो ऐसे हालात नहीं बनते. अब इस स्थिति का हल ASI को अलग रख कर ही निकलना होगा.
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मामले के याचिकाकर्ता एम सी मेहता ने कहा, "लगातार बांध बना कर यमुना का प्रवाह रोका जा रहा है. यमुना एक मृत नदी बन गई है. काई और कीड़ों को खाने वाली मछलियां नदी में नहीं बचीं. कोर्ट सरकार से पूछे कि यमुना में पानी छोड़ने को लेकर उसकी क्या योजना है."
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ASI के वकील ने माना कि ताजमहल के रंग में बदलाव आ रहा है. उन्होंने कहा कि इसकी बड़ी वजह यमुना में पैदा होने वाले कीड़े हैं. कीड़ों के चलते रंग भूरा हो रहा है. काई के चलते हरापन आ रहा है.इस पर बेंच ने कहा, "क्या काई उड़ कर ताजमहल के ऊपर पहुंच गई? आप ताजमहल को लेकर गंभीर नहीं हैं. हमने 1996 में इस मसले पर कई आदेश दिए थे.उन पर अब तक अमल नहीं हुआ है."
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नई दिल्ली: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी ASI ने गंदगी और कीड़े-मकोड़ों को ताजमहल के बदलते रंग का जिम्मेदार बताया है. नाराज़ सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "ASI ने अपना फर्ज नहीं निभाया."1 मई को सुप्रीम कोर्ट ने उन तस्वीरों पर चिंता जताई थी, जिसमें ताजमहल को कई जगह पर भूरा और हरा पड़ता हुआ नजर आ रहा था. कोर्ट ने ASI से तस्वीरों पर जवाब मांगा था. साथ ही, केंद्र से कहा था कि ज़रूरत हो तो वो विदेशी विशेषज्ञों की मदद लेकर भी हालात में सुधार करें.