हरदोई: राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में 17 नंवबर से पहले फैसला आ सकता है. फैसले के वक्त कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं. इसी बीच उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा कि शरारती तत्वों से निपटने के लिए राज्य पुलिस पूरी तरह से तैयार है और अगर जरूरत पड़ी तो उन लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की जाएगी जो माहौल बिगाड़ने की कोशिश करेंगे.
ओपी सिंह ने कहा कि हमारा इंटेलीजेंस पूरी तरह सक्रिय है. हमने सभी पुलिस अधीक्षकों और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को निर्देशित किया है कि समुदाय से जनता से संपर्क बनाए रखें. किसी भी परिस्थिति में किसी को कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं होगी. हमारे वालंटियर्स और पुलिसकर्मी चप्पे चप्पे पर नजर रखे हुए हैं.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मसले पर 16 अक्टूबर को सुनवाई पूरी कर ली थी. सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने इस पर सुनवाई की है और ज्यादा संभावना है कि यह पीठ 15 नवंबर तक फैसला सुना देगी. चीफ जस्टिस गोगोई ने दो अलग-अलग केस की सुनवाई के दौरान अयोध्या मामले में फैसला लिखने में अपनी व्यस्तता की ओर इशारा कर चुके हैं.
मामले की सुनवाई करने वाली बेंच (पीठ) के अध्यक्ष चीफ जस्टिस (सीजेआई) रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं. 16 नवंबर को शनिवार है और 17 नवंबर को रविवार है. ऐसे में फैसला इन दो तारीखों से पहले आ सकता है.
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