प्रयागराज: अयोध्या विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले विश्व हिन्दू परिषद भी सक्रिय हो गया है. हालांकि बदले हुए हालात में वीएचपी ने अपनी भूमिका को भी खुद ही बदल लिया है. कभी राम मंदिर के लिए सड़कों पर आंदोलन करने वाला यह संगठन अब लोगों के बीच जाकर उनसे फैसला आने पर शांति व सौहार्द कायम रखने की अपील कर रहा है. इतना ही नहीं संगठन ने अपने पदाधिकारियों व नेताओं के इस संवेदनशील मामले में बयानबाजी करने पर रोक लगा दी है और साथ ही अदालत के फैसले का हर हालत में सम्मान करने की भी हिदायत दी है.


वीएचपी के बड़े नेता खुद अलग अलग प्रांतो में बैठक कर पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को अदालत के फैसले के बाद जश्न मनाने या विरोध प्रदर्शन न करने की सख्त हिदायत भी दे रहे हैं.


इसी कड़ी में अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री चंपत राय पिछले दो दिनों से प्रयाग में थे. यहां उन्होंने संगठन के दफ्तर केसर भवन में विभाग और प्रांत के पदाधिकारियों के साथ कई दौर बैठक की और उन्हें ज़रूरी दिशा निर्देश दिए. उन्होंने पदाधिकारियों को गांवों और मोहल्लों में जाकर लोगों से अदालत के फैसले का सम्मान किये जाने व शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील करने की हिदायत दी.


चंपत राय ने आधिकारिक तौर पर मीडिया से कोई बातचीत नहीं की, लेकिन उन्होंने संगठन की बदली हुई भूमिका के बारे में ज़रूर जानकारी दी. माना यह जा रहा है कि केंद्र और यूपी में बीजेपी की सत्ता होने की वजह से विश्व हिन्दू परिषद ने अब भूमिका खुद ही बदल दी है.


आरएसएस ने जारी की एडवाइजरी 


वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस ने अयोध्या मामले पर फैसले को लेकर अपने सदस्यों को एडवाइजरी जारी की है. आरएसएस ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला राम मंदिर के पक्ष में आने पर उत्सव मनाएं और सभी सार्वजनिक स्थानों और घरों में दीप जलाएं, लेकिन दूसरे धर्म की भावनाओं को ठेस न पहुंचे.


संघ परिवार और उससे जुड़े प्रमुख नागरिक सभी धर्मों के प्रमुख संतो और गणमान्य लोगों से लगातार बैठकें कर रहे हैं. संघ परिवार ने कहा है कि उत्सव मनाने के लिए बाजारों में रोशनी की जाए, घरों में दीपक जलाए जाएं, मंदिरों में विशेष पूजा और हवन आदि किया जाए. इसके अलावा जगह-जगह दीप जलाकर रोशनी की जाए.


 सुप्रीम कोर्ट में 16 अक्टूबर को पूरी हो गई सुनवाई


 सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मसले पर 16 अक्टूबर को सुनवाई पूरी कर ली थी. सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने इस पर सुनवाई की है और ज्यादा संभावना है कि यह पीठ 15 नवंबर तक फैसला सुना देगी.


अयोध्या मामले में 17 नंवबर से पहले फैसला आ सकता है


राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में 17 नंवबर से पहले फैसला आ सकता है. फैसले के वक्त कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं. इसी बीच उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा कि शरारती तत्वों से निपटने के लिए राज्य पुलिस पूरी तरह से तैयार है और अगर जरूरत पड़ी तो उन लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की जाएगी जो माहौल बिगाड़ने की कोशिश करेंगे.


ओपी सिंह ने कहा कि हमारा इंटेलीजेंस पूरी तरह सक्रिय है. हमने सभी पुलिस अधीक्षकों और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को निर्देशित किया है कि समुदाय से जनता से संपर्क बनाए रखें. किसी भी परिस्थिति में किसी को कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं होगी. हमारे वालंटियर्स और पुलिसकर्मी चप्पे चप्पे पर नजर रखे हुए हैं.


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