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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
विवादों से पुराना नाता है मायावती को अपशब्द कहने वाली बीजेपी विधायक साधना सिंह का
बसपा सुप्रीमो पर विवादित बयान देने वाली मुगलसराय से बीजेपी विधायक साधना सिंह का विवादों से पुराना नाता है. इससे पहले भी वे अपने विवादित बोलों और कारगुजारियों के लिए चर्चा में रही हैं. साधना सिंह विरोधियों पर हमलावर होते हुए अक्सर शब्दों की मर्यादा भूल जाती हैं. सार्वजनिक रूप से अभद्र भाषा का प्रयोग करने के लिए वे काफी चर्चित रही हैं. यही नहीं उन पर एक स्वतंत्र पत्रकार को धमकाने का भी आरोप है.
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View In Appसपाइयों को कहा था हैसियत में रहो, दौड़ाकर मारेंगे- यह वाकया वर्ष 2017 का है जब सूबे में विधान सभा चुनाव चल रहे थे. 7 मार्च को मुग़लसराय विधानसभा के बूथ नंबर 20, 21, 22 पर वोटिंग हो रही थी. इसी दौरान एक वोटर को जब बीजेपी के बूथ एजेंट ने पर्ची नहीं दी तो वहां मौजूद सपाइयों से उसकी कहासुनी हो गई. थोड़ी देर बाद जब साधना सिंह मौके पर पहुंची तो उन्हें इस बारे में पता चला. मामला जानते ही साधना सिंह आप खो बैठीं और सपाइयों को भद्दी-भद्दी गालियां देने लगीं. उस समय उन्होंने सपाइयों से कहा भी कि हैसियत में आ जाओ नहीं तो दौड़ा-दौड़ा कर मारेंगे. इसके बाद उन्होंने बीजेपी के कार्यकर्ताओं को ललकारना शुरू कर दिया कि उन लोगों ने चूड़ियां पहन रखी हैं, जो सामने दिखे उसे दौड़ा-दौड़ा कर मारो.
साधना सिंह पिछले डेढ़ दशक से बीजेपी की मेम्बर हैं और काफी एक्टिव राजनेता मानी जाती हैं. 1993 में जिला पंचायत सदस्य भी रह चुकी हैं. वे पहली बार 2017 में बीजेपी के टिकट पर विधायक चुनी गईं. इलाके में उनकी छवि एक दबंग महिला नेत्री की है. इससे पहले साधना सिंह चंदौली व्यापर मंडल की जिलाध्यक्ष भी रह चुकी हैं. व्यपारियों में इनकी ख़ास पैठ है क्योंकि बतौर व्यापार मंडल अध्यक्ष वे कई बार व्यापारियों के लिए पुलिस से भी भिड़ चुकी हैं. उनके पति पेशे से वकील हैं और उनके दो बच्चे हैं.
डीआरएम से बोलीं होश में बात में करिए, हैसियत में बात करिए- विधायक बनने के बाद दो महीने बाद ही जब वे रेलवे कॉलोनी का दौरा करने पहुंचीं तो वहां गंदगी देखकर भड़क गईं. उन्होंने डीआरएम को मौके पर आने का सन्देश भिजवा दिया. काम में व्यस्त होने के चलते जब डीआरएम नहीं पहुंच पाए तो साधना सिंह अपने दल-बल के साथ डीआरएम ऑफिस पहुंच गईं. वहां पहुँचते ही उनका एक समर्थक डीआरएम से बदसलूकी करने लगा. उसे समझाने के बजाय साधना सिंह ने डीआरएम को धमकी दे दी, होश में बात में करिए, हैसियत में बात करिए, प्रधानमंत्री देश में सफाई कर रहा है... तब वहां मौजूद आरपीएफ के अधिकारियों और जवानों ने जैसे तैसे स्थिति संभाली थी.
प्रभारी मंत्री को भी हड़का चुकी हैं- मामला चंदौली जिले में हो रही समीक्षा बैठक का है. इस बैठक में यूपी सरकार में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और चंदौली जिले के प्रभारी मंत्री जयप्रकाश निषाद भी मौजूद थे. साधना सिंह ने जयप्रकाश निषाद पर भड़कते हुए कह दिया, प्रभारी मंत्री जी, आज के बाद आपकी मीटिंग में नहीं आऊंगी. उनके इस रौद्र रूप को प्रभारी मंत्री भी भौंचक उनका चेहरा देखते रह गए थे.
इस बार मुश्किल में फंसीं साधना सिंह- चर्चा में रहने वाली साधना सिंह इस बार मुश्किलों में घिर चुकी हैं. इस बार उनकी ही पार्टी के सहयोगी दल के केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कड़ी कार्रवाई की मांग कर डाली है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी बीजेपी के साथ है, लेकिन वे मायावती के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी से सहमत नहीं हैं. उधर राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इस पूरे मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है. देश भर में उनकी टिप्पणी की निंदा हो रही है.
पत्रकार को धमकी देने का ऑडियो हो चुका है वायरल- साधना सिंह ने चौथे खम्बे को भी धमकाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. साल 2018 में उनका एक ऑडियो वायरल हुआ था जिसमें वे पत्रकार को धमकाते सुनाई दीं. मामला एक प्राइवेट कंपनी के मैनेजर सपन डे की हत्या के खुलासे से जुड़ा था. पुलिस ने इस हत्याकांड में राकेश सिंह उर्फ डब्बू को मुख्य साजिशकर्ता बताया था. यह राकेश सिंह विधायक साधना सिंह और बीजेपी नेताओं के साथ कई कार्यक्रमों में नजर आ चुका था. इसी बात को एक स्वतंत्र पत्रकार ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया था. इस पर आग बबूला हुई साधना सिंह ने पत्रकार को मुकदमा दर्ज करा जेल भेजने की धमकी दे डाली. यही नहीं उन्होंने पत्रकार के लिए काफी अपशब्दों का प्रयोग किया. मामले ने जब तूल पकड़ा तो साधना सिंह प्रेस कांफ्रेंस कर माफ़ी मांग ली और कहा कि उन्हें नहीं मालूम था कि पोस्ट करने वाला पत्रकार है.
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