UPPSC भर्ती घोटाला: CBI ने कमीशन पर कसा शिकंजा, 72 सदस्यीय टीम ने डाला डेरा
जांच एजेंसी सीबीआई ने इस बड़ी इस कार्रवाई के लिए इलाहाबाद में कैम्प कर रहे स्टाफ के अलावा बड़ी संख्या में दिल्ली से भी लोगों को भेजा है. सीबीआई की इस बड़ी कार्रवाई से कमीशन में जहां हड़कंप मचा हुआ है वहीं पिछले कई सालों से सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे प्रतियोगी छात्रों में अब इंसाफ की आस जगने लगी है. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक़ पहले चरण में फिलहाल पीसीएस 2015 की पड़ताल कर रही जांच एजेंसी को बड़े पैमाने पर गड़बड़ी होने के सबूत मिले हैं.
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View In Appसीबीआई सूत्रों के मुताबिक 584 भर्तियों में से सीबीआई सिर्फ चार भर्तियों की ही जांच करेगी. एफआईआर दर्ज करने से पहले सीबीआई ने साल 2015 में सेलेक्ट हुए पचीस पीसीएस अफसरों से भी पूछताछ की है. बहरहाल सीबीआई की इस बड़ी कार्रवाई से प्रतियोगी छात्रों में ज़बरदस्त उत्साह है. उन्हें अब इस बात की उम्मीद जगने लगी है कि उनका संघर्ष बेकार नहीं जाएगा और उन्हें इंसाफ जरूर मिलेगा.
सीबीआई ने पीसीएस 2015 की भर्तियों में की शुरुआती जांच में गड़बड़ियां मिलने पर पांच मई को पहली एफआईआर दर्ज की थी. यह एफआईआर कमीशन के अज्ञात अफसरों कर्मचारियों के साथ ही कुछ अज्ञात बाहरी लोगों के खिलाफ भी दर्ज की गई थी. एफआईआर से पहले कमीशन के ज़िम्मेदार गोपनीयता के नाम पर दस्तावेज देने या जानकारी मुहैया कराने से इंकार कर रहे थे, लेकिन पिछले दो दिनों से चल रही बड़ी कार्रवाई में सीबीआई को कई अहम सुराग हाथ लगे हैं.
सबसे ज़्यादा शिकायत पीसीएस 2015 की भर्ती के साथ ही, लोअर सबऑर्डिनेट 2013 एग्जाम, आरओ- एआरओ 2014 के इम्तहान और पीसीएस जे 2013 के इम्तहानों को लेकर है. अखिलेश यादव के पांच साल के राज में यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन ने जो 584 भर्तियां की हैं, उनमे चौंतीस लिखित परीक्षा से हुई हैं, जबकि बाकी बची साढ़े पांच सौ इंटरव्यू के जरिये सीधे तौर पर हुई हैं.
सूत्रों के मुताबिक़ पिछले दो दिनों से चल रही सीबीआई की इस बड़ी कार्रवाई को पूरा होने में तकरीबन हफ्ते भर का वक्त लग सकता है. सीबीआई ने इस कार्रवाई के दौरान कमीशन के कुछ रिटायर्ड लोगों की मदद भी विशेषज्ञ के तौर पर ली है. दरअसल इन लोगों के जरिये सीबीआई कमीशन की कार्यप्रणाली को समझना चाहती है. यह कार्रवाई पूरी होने के बाद सीबीआई कुछ लोगों की गिरफ्तारी कर सकती है.
इलाहाबाद : अखिलेश यादव राज में यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन में हुई गड़बड़ियों की जांच कर रही सीबीआई ने एफआईआर दर्ज करने के बाद अब कमीशन पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. सीबीआई की 72 सदस्यीय टीम आज दूसरे दिन भी कमीशन के हेडक्वार्टर इलाहाबाद में पड़ताल कर रही है. कमीशन के हेडक्वार्टर में पड़ताल कर रही टीम को आठ ग्रुप में बांटा गया है. इस दौरान न सिर्फ कमीशन के अफसरों और कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है, बल्कि तमाम दस्तावेज और कम्प्यूटर की हार्डडिस्क भी जब्त की गई है. उम्मीद है कि अगले पांच-सात दिनों में पड़ताल पूरी होने के बाद टीम कुछ अफसरों और कर्मचारियों को गिरफ्तार भी कर सकती है.
कापियां बदलने से लेकर, माडरेशन के नाम पर मनमाने तरीके से नंबर बढ़ाने, एक जाति विशेष के लोगों पर कृपा बरसाने, इंटरव्यू में पारदर्शिता नहीं बरतने और दस्तावेजों में गड़बड़ी किये जाने की कमी पकड़ में आई है. सीबीआई की यह पड़ताल इस साल 31 जनवरी से एसपी राजीव रंजन की अगुवाई में चल रही है. अखिलेश राज में हुई 584 भर्तियों को लेकर सीबीआई को अब तक छह सौ से ज़्यादा लिखित शिकायतें मिली हैं.
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