गोरखपुर: बहनों ने सेना के जवानों को नहीं होने दिया घर से दूर होने का अहसास, बांधी नेह की डोर
रक्षाबंधन भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की मजबूती का पर्व है. इस दिन बहनें, भाइयों को रक्षा सूत्र बांधकर उनके सलामती के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं. भाई भी बहन की आजीवन रक्षा का संकल्प लेते हैं. गोरखपुर में बहनों ने सेना में तैनात जवानों को रक्षा सूत्र बांधकर उन्हें घर से दूर होने का अहसास नहीं होने दिया. तो वहीं भगवान से उनके लंबी उम्र की कामना भी की.
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View In Appबहनों से रक्षा सूत्र बनवाने के बाद सैनिक भाइयों ने कहा कि उन्हें काफी गर्व की अनुभूति हो रही है. ड्यूटी पर होने के बावजूद इन बहनों ने राखी बांधकर उनसे देश की सुरक्षा का संकल्प लिया है. उन्होंने भी बहनों की रक्षा का वादा किया है.
इस दौरान भारत-नेपाल मैत्री समाज की महिला कार्यकर्ता ने बताया कि हमारी और देश की सुरक्षा में लगे सैनिक भाई अक्सर पर त्यौहारों को नहीं मना पाते हैं. ऐसे में हम बहनों का फर्ज है कि अपने देश के जवानों के प्रति अपने कर्तव्य को निभाते हुए उनकी बहनों की कमी को पूरा करें. जिस क्रम में आज हम लोगों ने यह कार्यक्रम रखा है.
इस दौरान कई सैनिक भावुक उठे और उनकी आंखें नम हो गई. ऐसे में अपने परिवार और अपने घरवालों से दूर इन सैनिकों को इस राखी के त्योहार पर बहनों की कमी को मैत्री समाज की बहनों ने दूर किया. उन्हें तिलक लगाकर उनका मुंह मीठा कर उनकी कलाइयों पर रेशम की डोर बांधी.
भारत-नेपाल मैत्री समाज के अध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि गोरखपुर में स्थापित गोरखा रेजीमेंट के जवानों को मैत्री समाज की महिला कार्यकर्ताओं ने राखी बांधी और जवानों ने देश और बहनों की रक्षा का प्रण लिया.
भाई-बहन के इस पवित्र पर्व पर अधिकतर जीआरडी (गोरखा रेजिमेंट) में रक्षाबंधन कार्यक्रम का आयोजन किया. सैनिक भाई ड्यूटी के कारण बहनों से राखी नहीं बंधवा पाते हैं. ऐसे में इन सैनिक भाइयों को अपनी बहनों की कमी का एहसास न होने दें. देश की सुरक्षा में किसी प्रकार की कोई कोताही न हो पाए. इसे ध्यान में रखते हुए भारत-नेपाल मैत्री समाज की महिला कार्यकर्ताओं ने सैनिक भाइयों की कलाइयों पर राखी बांधकर उन्हें देश के प्रति जिम्मेदारी का एहसास कराया.
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