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महाशिवरात्रि 2019: 117 साल पुराना है जगमोहनेश्वर मंदिर का इतिहास, तंत्र विधि से किया गया था स्थापित
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![वैसे तो सभी मंदिरों की स्थापना वैदिक रीतियों से होती है लेकिन अवध प्रान्त का अकेला मंदिर है जो तंत्रोक्त विधि से स्थापित है यही कारण है कि यहां आकर शीश नवाने व दर्शन करने वाले की मनोकामना पूर्ण होती है.](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/03/04095803/r-bareilly.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
वैसे तो सभी मंदिरों की स्थापना वैदिक रीतियों से होती है लेकिन अवध प्रान्त का अकेला मंदिर है जो तंत्रोक्त विधि से स्थापित है यही कारण है कि यहां आकर शीश नवाने व दर्शन करने वाले की मनोकामना पूर्ण होती है.
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![जगमोहनेश्वर मंदिर भगवान शिव का सबसे प्राचीन मंदिर है. आजादी के पहले जमींदारी प्रथा के समय सन 1902 में चंदापुर रियासत के राजा जगमोहन सिंह ने भोलेनाथ के इस रूप की स्थापना की. मंदिर में विराजित भोलेनाथ की यह मूर्ति अमर कंटक से लाई गई थी. काशी विद्वत परिषद के आचार्यों ने तंत्रोक्त विधि से विशेष समय व भूमि पर इस मंदिर की विधिवत स्थापना की.](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/03/04095757/r-bareilly-5.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
जगमोहनेश्वर मंदिर भगवान शिव का सबसे प्राचीन मंदिर है. आजादी के पहले जमींदारी प्रथा के समय सन 1902 में चंदापुर रियासत के राजा जगमोहन सिंह ने भोलेनाथ के इस रूप की स्थापना की. मंदिर में विराजित भोलेनाथ की यह मूर्ति अमर कंटक से लाई गई थी. काशी विद्वत परिषद के आचार्यों ने तंत्रोक्त विधि से विशेष समय व भूमि पर इस मंदिर की विधिवत स्थापना की.
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![आज देशभर में महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जा रहा है. देशभर के शिवालों में भगवान शंकर के भक्त सुबह से ही द्रशन और पूजा के लिए कतार में लगे हुए हैं. हर हर महादेव के नारों की गूंज चारों ओर सुनाई दे रही है.](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/03/04095751/R-bareilly-4.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
आज देशभर में महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जा रहा है. देशभर के शिवालों में भगवान शंकर के भक्त सुबह से ही द्रशन और पूजा के लिए कतार में लगे हुए हैं. हर हर महादेव के नारों की गूंज चारों ओर सुनाई दे रही है.
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![चंदापुर रियासत के राजा जगमोहन सिंह के परनाती राजा हर्षेन्द्र सिंह ने कहा कि आज महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां से शिव बारात निकलेगी. उसके बाद मंदिर प्रांगण में ही भोलेनाथ और माता गौरी का पूरे धूमधाम से ब्याह रचाया जाएगा. फिर मंगलवार को नगरवासियों के लिए भोज का भी आयोजन किया गया है जिसमें 1 से 1.5 लाख लोगों के आने की उम्मीद है.](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/03/04095745/R-bareilly-3.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
चंदापुर रियासत के राजा जगमोहन सिंह के परनाती राजा हर्षेन्द्र सिंह ने कहा कि आज महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां से शिव बारात निकलेगी. उसके बाद मंदिर प्रांगण में ही भोलेनाथ और माता गौरी का पूरे धूमधाम से ब्याह रचाया जाएगा. फिर मंगलवार को नगरवासियों के लिए भोज का भी आयोजन किया गया है जिसमें 1 से 1.5 लाख लोगों के आने की उम्मीद है.
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![वैसे तो महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ के किसी भी मंदिर पर भीड़ देखने को मिलती है लेकिन रायबरेली के सुपर मार्केट स्थित जगमोहनेश्वर मंदिर में सुबह 2 बजे से ही जलाभिषेक करने के लिए लाइन लगी हुई है.](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/03/04095739/R-bareilly-2.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
वैसे तो महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ के किसी भी मंदिर पर भीड़ देखने को मिलती है लेकिन रायबरेली के सुपर मार्केट स्थित जगमोहनेश्वर मंदिर में सुबह 2 बजे से ही जलाभिषेक करने के लिए लाइन लगी हुई है.
Published at : 04 Mar 2019 10:03 AM (IST)
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