लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार एक बार फिर एक्शन मोड में आ गई है. भ्रष्टाचार में लिप्त 7 पीपीएस अधिकारियों पर गाज गिरी है. इनमें से कुछ को जबरन रिटायर और कुछ को बर्खास्त किया गया है. सभी अफसर डिप्टी एसपी और सीईओ जैसे बड़े पदों पर कार्यरत थे.


अरुण कुमार सहायक सेनानायक 15 वीं वाहिनी पीएसी आगरा- जबरन रिटायर
विनोद कुमार गुप्ता पुलिस उपाधीक्षक जनपद फैजाबाद - जबरन रिटायर
संतोष कुमार सिंह मंडला अधिकारी मुरादाबाद - जबरन रिटायर
तनवीर अहमद खां सहायक सेनानायक 30वीं वाहिनी गोंडा- जबरन रिटायर
नरेंद्र सिंह राणा को पुलिस उपाध्यक्ष जनपद आगरा- बर्खास्त
रतन कुमार यादव सहायक सेनानायक पीएसी झांसी - बर्खास्त
तेजवीर सिंह यादव 27 वीं वाहिनी पीएसी सीतापुर - बर्खास्त

पिछले दिनों गृह विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्ट और नकारा अफसरों को जबरन सेवानिवृत्ति देने के निर्देश दिए थे. य़ोगी ने कहा था कि उन अधिकारियों और कर्मचारियों की जरूरत नहीं है जो कानून व्यवस्था के प्रति ईमानदार नहीं बरतते.


योगी ने एक आदेश जारी किया था. जिसके तहत 50 वर्ष की आयु पार कर चुके अक्षम पुलिसकर्मियों को जबरन रिटायर किए जाने की बात कही गई थी.. एडीजी स्थापना पीयूष आनन्द ने सभी एडीजी, आईजी सहित पुलिस के सभी अधिकारियों को पत्र लिखकर ऐसे पुलिसवालों की सूची भेजने को कहा था. पुराने शासनादेशों का हवाला देकर एडीजी ने सभी अधिकारियों से स्क्रीनिंग कमेटी की रिपोर्ट मांगी थी.


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