अयोध्या: अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फैसले को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है. किसी भी तरह माहौल ना बिगड़े इसको लेकर तैयारियां की जा रही हैं. अयोध्या और आस-पास के जिलों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. अयोध्या के पड़ोसी जिले अंबेडकरनगर के विभिन्न कॉलेजों में 8 अस्थायी जेल बनाई गई हैं. अंबेडकरनगर जिला अयोध्या और फैजाबाद से सटा हुआ है. लिहाजा, अगर फैसले के बाद कोई अप्रिय स्थिति बनती है तो उपद्रवी तत्वों को इन जेलों में रखा जाएगा. अकबरपुर थानाक्षेत्र में तीन अस्थायी जेल, टांडा, जलालपुर, जैतपुर, भीटी और आलापुर थानाक्षेत्र में एक-एक अस्थायी जेल बनाई गई है.


प्रदेश के सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. इतना ही नहीं, अयोध्या को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स तैनात है. इसके साथ ही जिला प्रसाशन लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की बात भी कह रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने नेताओं और मंत्रियों से अयोध्या विवाद पर बयानबाजी न करने की सलाह दी है.


एसएसपी ने बताया कि 10 हजार से ज्यादा व्हाट्सएप ग्रुपों पर नजर रखी जा रही है. इसमें जो लोग शामिल हैं, उनमें से कुछ के नंबर सर्विलांस पर लिए गए हैं.


अयोध्या आने वाले सभी रास्तों पर पुलिस तलाशी अभियान चला रही है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यूपी में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अर्धसैनिक बलों की 15 कंपनियों को भेजने की मंजूरी दी है. केंद्रीय बल के करीब 4000 जवान 18 नवंबर तक यहां तैनात रहेंगे.


17 नवंबर से पहले आएगा फैसला


दरअसल, राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में 17 नवंबर से पहले आ सकता है. प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई के 17 नवंबर को सेवानिवृत्त होने से पहले शीर्ष न्यायालय के अपना फैसला सुनाने की संभावना है. न्यायमूर्ति गोगोई उस पांच सदस्यीय संविधान पीठ की अध्यक्षता कर रहे हैं, जिसने कई हफ्तों तक मामले की सुनवाई की.


फैसले के मद्देनजर हाईअलर्ट जारी किया गया. अयोध्या के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है. यूपी के दूसरे जिलों में भी सुरक्षा कड़ी की गई. अयोध्या पर ड्रोन कैमरे से नजर रखी जा रही है. पुलिस मॉक ड्रिल के जरिए प्रैक्टिस कर रही है और लोगों को सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने का संदेश दे रही है.


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