लखनऊ: अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले, प्रधानमंत्री सहित तमाम पार्टियों के नेता लोगों से सौहार्द बनाए रखने की अपील कर रहे हैं. इसी बीच बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने बृहस्पतिवार को कहा कि शीर्ष अदालत की व्यवस्था का हर हाल में सम्मान किया जाना चाहिए.
मायावती ने ट्वीट कर कहा, "अयोध्या मामले में जल्द ही उच्चतम न्यायालय का फैसला आने की संभावना है जिसे लेकर जनमानस में बेचैनी और आशंकायें होना स्वाभाविक हैं. ऐसे में समस्त देशवासियों से विशेष अपील है कि वे न्यायालय के फैसले का हर हाल में सम्मान करें. यही देशहित और जनहित में सर्वोत्तम उपाय है.''
मायावती ने एक दूसरे ट्वीट में लिखा, '' साथ ही, सत्ताधारी पार्टी और केन्द्र एवं राज्य सरकारों की भी यह संवैधानिक एवं कानूनी जिम्मेदारी बनती है कि वे इस मौके पर लोगों के जानमाल की सुरक्षा की गारण्टी सुनिश्चित करें और सामान्य जनजीवन को प्रभावित न होने दें.'
शीर्ष अदालत धार्मिक भावनाओं एवं राजनीति के लिहाज से बेहद संवेदनशील माने जाने वाले राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में 17 नवंबर से पहले फैसला सुना सकती है क्योंकि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई उसी दिन रिटायर हो रहे हैं. वह राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में संविधान पीठ की अगुवाई कर रहे हैं.
प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता में पांच जजों की संविधान पीठ ने 40 दिनों से चली आ रही सुनवाई 16 अक्टूबर को पूरी करने के बाद अयोध्या भूमि विवाद मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
अयोध्या विवाद को लेकर सैंकड़ों साल का इंतजार खत्म होने वाला है. फैसले के बाद किसी तरह का कोई तनाव न हो इसलिए हर तरह के एहतियात बरते जा रहे हैं. यूपी में प्रशासन शांति बनी रहे इसके लिए सभी पहल कर रही है बैठकें की जा रही है. लोगों को समझाया जा रहा है. सरकार की तरफ से भी पूरी कोशिश हो रही है कि किसी कीमत पर माहौल न बिगड़े.
संवेदनशील चौराहों पर तैनात रहेगी फोर्स
शांति और सद्भाव बनाए रखने को लेकर पीस कमेटी और सिविल डिफेंस के साथ पुलिस फ्लैग मार्च भी किया जा रहा है. साथ ही ड्रोन कैमरे से निगरानी भी रखी जा रही है. इसके अलावा फैसला आने के बाद संवेदनशील चौराहों पर सुरक्षा को लेकर 72 घंटे तक फोर्स तैनात रहेगी.
राज्य में धारा 144 लागू, अयोध्या में कई चीजों पर रोक
अयोध्या मामले पर फैसले के मद्देनजर पूरे राज्य में धारा 144 लागू है. धार्मिक संगठन और नेता लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं. बीजेपी ने भी अपने कार्यकर्ताओं से संयम बरतने की अपील की है. अयोध्या के जिलाधिकारी ने भी 30 बिंदुओं वाला एक आदेश जारी किया है. इस आदेश में कई तरह की रोक लगाई गई है, जिसमें सार्वजनिक या निजी स्थान पर कार्यक्रम आयोजित कर कुछ ऐसा करना जिससे भावनाएं भड़के, शस्त्र उपयोग पर प्रतिबंध, तेज़ाब या कोई और विस्फोटक की श्रेणी के आने वाली वस्तु और कंकड़ पत्थर को इकट्ठा करने पर प्रतिबंध, किसी को भी बिना अनुमति किसी तरह का विजयोत्सव निकालने पर प्रतिबंध, लाउडस्पीकर के उपयोग पर प्रतिबंध, सोशल मीडिया पर कुछ भी अपमानजनक लिखने पर कड़ाई की जाएगी और मंदिर/मस्ज़िद के नाम पर कुछ भी भड़काऊ कार्यक्रम करने पर प्रतिबंध लगाया गया है.
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