यूपी: वाराणसी में गहराया प्रदूषण संकट, तारकेश्वर मंदिर में ‘शिवलिंग’ को लगाया गया मास्क
लगातार बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए वाराणसी के तारकेश्वर मंदिर में भगवान शिव के रूप शिवलिंग को मास्क पहना दिया गया है ताकि उन्हें सुरक्षित रखा जा सके.
![यूपी: वाराणसी में गहराया प्रदूषण संकट, तारकेश्वर मंदिर में ‘शिवलिंग’ को लगाया गया मास्क UP- Tarkeshwar Mahadev Temple in Varanasi is covered with a mask due to air pollution यूपी: वाराणसी में गहराया प्रदूषण संकट, तारकेश्वर मंदिर में ‘शिवलिंग’ को लगाया गया मास्क](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/11/07142019/varansi.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
वाराणसी: कहते हैं कि अगर भक्त नहीं होते तो भगवान भी नहीं होते. यानी भगवान भक्तों के अधीन होते हैं, इसीलिए भक्त भगवान को भी अपने जैसा सुखी दुखी समझने लगते हैं. यही कारण है कि वाराणसी में बढ़ते प्रदूषण के कारण पूजारी और भक्तगण खुद तो मास्क लगाकर पूजा कर ही रहे हैं साथ ही उन्होंने भगवान को भी मास्क लगा दिया है. वाराणसी के तारकेश्वर मंदिर में भगवान भोले नाथ को भी मास्क लगाकर रखा गया है ताकि वे सुरक्षित रह सकें.
सर्दियों के वक्त यहां भगवान को स्वेटर पहनाकर कंबल से ढका जाता है ताकि उन्हें ठंड ना लगे वहीं गर्मियों में एसी और पंखे लगाए जाते हैं.
वाराणसी के सिगरा स्थित काशी विद्यापीठ विद्यालय के नजदीक स्थित भगवान शिव पार्वती के मंदिर में भी स्थापित प्रतिमाओं को यहां के पुजारी और कुछ भक्तों ने मास्क पहना दिया है. पुजारी का कहना है, "वाराणसी आस्था की नगरी है. हम आस्थावान लोग भगवान के इंसानी रूप को महसूस करते हैं. गर्मी में भगवान की प्रतिमाओं को शीतलता प्रदान करने के लिए चंदन लेपन करते हैं. शरद ऋतु में इन्हें कंबल और स्वेटर भी पहनाए जाते हैं. जब हम इन्हें इंसानी रूप में मानते हैं तो उन पर भी प्रदूषण का असर हो रहा होगा. इसीलिए यहां स्थित प्रतिमाओं को हमने मास्क पहना दिया है."
उन्होंने बताया कि बाबा भोलेनाथ, देवी दुर्गा, काली माता और साईं बाबा का पूजन करने के बाद उन्हें मास्क पहना दिया गया है. पुजारी ने बताया कि जब लोगों ने प्रतिमाओं को मास्क पहने हुए देखा तब वे भी प्रदूषण से बचाव के लिए खुद मास्क पहने लगे. कई लोगों ने इन प्रतिमाओं से सीख ली. छोटे बच्चे भी प्रदूषण से बचाव के लिए जागरूक हो रहे हैं.
पुजारी ने बताया कि दीपावली में लोगों ने पूरे प्रदेश में इतने ज्यादा पटाखे छोड़े हैं कि उसके दूसरे दिन से यहां पर और गंगा के घाटों पर धुंध सी छाई रहती है. इससे आंखों में जलन और सांस भी फूलने लगती है. लोगों ने पेड़-पौधे भी काट डाले हैं, इसलिए यहां के वातावरण में ऑक्सीजन की कमी महसूस की जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रदूषण से जूझ रहे बनारस की आबो-हवा ठीक करने के लिए लोगों को खुद आगे आना पड़ेगा. लोग त्योहार धूम-धाम से मनाएं, पर सेहत का ख्याल जरूर रखें.
दिल्ली सहित पिछले दिनों वाराणसी में भी स्मॉग के कारण भारी प्रदूषण महसूस किया जा रहा है हवा में धूल के गुबार दिखाई दे रहे हैं. लोगों का प्रदूषण से बुरा हाल है.
यूपी: भ्रष्टाचार के खिलाफ योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, इतने PPS अफसर किए गए जबरन रिटायर
यूपी: मायावती बोलीं- हर हाल में अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए
CM बनने की अटकलों पर बोले गडकरी- 'महाराष्ट्र आने का सवाल नहीं, फडणवीस के नेतृत्व में बनेगी सरकार'
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)