वाराणसी: घायल तड़प रहे थे, सेल्फी के लिए कैमरे चमक रहे थे
वाराणसी: सोशल मीडिया पर अपने को जागरूक और न्यूज चैनलों से तेज साबित करने का चस्का कभी-कभी मानवता की हदें पार कर जाता है. ऐसा ही कुछ नजारा वाराणसी में हादसे के समय देखने को मिला. एक तरफ एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और गोरखा ट्रेनिंग सेंटर के जवान भारी भरकम बीम के नीचे दम तोड़ती जिंदगियों को बचाने में लगे थे वहीं पब्लिक सेल्फी लेने में लगी थी. ऐसे हरकतों के चलते, एक्सीडेंट साईट पर अनजान की भी मदद अपनों की तरह करने वाला बनारसीपन कहीं न कहीं शर्मिंदा होता नजर आया.
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View In Appपुलिस तो नाकाम रही ही लेकिन लोग भी खतरे को भांपने की शक्ति भूल चुके थे. बीम के नीचे दबी गाड़ियों से निकल कर पेट्रोल डीजल चारो तरफ फैला था. एक छोटी से चिंगारी वहां भयानक आग का रूप ले सकती थी. लेकिन भीड़ इस खतरे को नजरअंदाज कर सेल्फी और सोशल मीडिया अपडेट में लगी रही. इस भीड़ में वो लोग भी शामिल थे जो लोकल लीडर्स के साथ आए हुए थे. ये सभी ऑफिसर्स के सामने खड़े होकर अपनी जान-पहचान बढ़ाते रहे.
एक्सीडेंट स्पॉट पर बीम के साथ गिरा मलवा बिखरा पड़ा था. इसमें लोहे की सरिया, शटरिंग, ईंट-पत्थर सभी कुछ शामिल था. लेकिन लोग इसी मलबे के ऊपर से चढ़कर इधर से उधर आ जा रहे थे. पुलिस यह सब देखकर अपने आपको असहाय महसूस कर रही थी.
इसी सोशल मीडिया पर पुलिस और कुछ समझदार लोग अपील भी कर रहे थे कि कृपया एक्सीडेंट साईट पर भीड़ न लगाएं. लेकिन इस पर ध्यान देने वाला कोई नहीं था. लोग बेफिक्र होकर एक्सीडेंट साईट पर फोटो और वीडियो बनाते रहे. कुछ ने अपने चाहने वालों के लिए वहीं से फेसबुक लाइव भी कर डाला.
हादसे के बाद पहुंची रेस्क्यू टीम को जिधर भी लगता कि कोई ज़िंदा बचा होगा, वो उस गाड़ी की तरफ रुख करती. साथ ही वहां मौजूद हजारों की भीड़ का एक हिस्सा भी उनके साथ चल देता. कई बार पुलिस के जवानों ने इस भीड़ को पीछे धकेलने की कोशिश की लेकिन उलटा पुलिस ही मजबूर नजर आई. किसी को फेसबुक पर फोटो अपलोड करने की जल्दी थी तो किसी को व्हाट्सएप ग्रुप में डालकर अपने आपको सबसे तेज साबित करना था.
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