आगरा: दुनिया का सातवां अजूबा 'ताज महल' झेल रहा है कीड़ों का हमला, फीका पड़ने लगा है रंग
ताजमहल पर एक नहीं, बल्कि तीन प्रजातियों के कीड़े हमला कर रहे हैं. यमुना में फास्फोरस बढ़ने के कारण गोल्डी काइरोनोमस, पोडीपोडीलम और ग्लिप्टोटेन पहुंच रहे हैं. एएसआई को बीते साल की सैंपलिंग में ये तीनों कीड़े हरा रंग छोड़ते हुए मिले थे. हर दिन लाखों की तादात में यह हमला किया गया था. काइरोनोमस फैमली के यह कीड़े 35 डिग्री तापमान में प्रजनन शुरू करते हैं और 50 डिग्री तक के तापमान को झेल सकते हैं. काइरोनोमस मादा कीट एक बार में एक हजार तक अंडे देती है. लार्वा और प्यूमा के बाद करीब 28 दिन में पूरा कीड़ा बनता है. हालांकि कीड़े की मियाद महज दो दिन है लेकिन मादा कीट के अंडे यमुना नदी में भीषण गंदगी और फास्फोरस की मौजूदगी से बन रहे हैं.
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View In Appनई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के रंग बदलने पर चिंता जताते हुए केंद्र से इसके संरक्षण के लिए देश-विदेश के विशेषज्ञों की मदद लेने का सुझाव दिया है. ताजमहल के संरक्षण के लिए याचिका दायर करने वाले एमसी मेहता द्वारा पेश की गई ताज के बदलते रंग की तस्वीर देखने के बाद निर्देश दिया. कोर्ट ने फोटो देखकर चिंता जताते हुए कहा कि पहले ताज का रंग सफेद से हल्का पीला हुआ था. अब ये भूरा और हरा होता जा रहा है. जहां ताजमहल का भूरा होना कहीं ना कहीं वायु प्रदुषण के कारण है वही हरा होना गोल्डी काइनमोरस नामक कीड़े की देन है जो कि यमुना के पानी गंदगी में पनप रहा है.
वहीं पर्यावरणविद् डॉ शरद गुप्ता का कहना है कि ताजमहल को लेकर करोड़ों रूपए खर्च किए जाते हैं लेकिन कभी भी प्रदूषण को लेकर कार्य नहीं किया जाता जहां वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है वहीं यमुना में हो रही गंदगी की वजह से ताजमहल पर असर पड़ रहा है. यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट समय-समय पर इन विभागों को निर्देश जारी करता है.दुनिया का सातवां अजूबा एक बार फिर कीड़ों (गोल्डी काइरोनोमस) का हमला झेल रहा है. यमुना नदी में पानी की कमी और सीवर केसाथ गंदगी बढ़ने से काइरोनोमस फैमिली के कीड़े गोल्डी ने इस साल भी ताज की उत्तरी दीवार पर हमला बोल दिया है. कीड़े के साथ आ रही काई से ताज की सफेद दीवारों पर हरे और भूरे रंग के दाग पड़ने शुरू हो गए हैं.
बता दें कि बीते साल दुनिया भर में ताज पर कीड़ों की चर्चा हुई तो मामले का स्वत: संज्ञान भी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने ले लिया लेकिन कीड़ों का हमला रोकने के लिए एडीएम सिटी की अध्यक्षता वाली कमेटी ने जांच के बाद जो कदम उठाने की संस्तुति की गई, वह मानी ही नहीं गई, जिसका असर ये है कि इस साल भी ताज पर कीड़े पहुंचकर दीवारों को हरे रंग में रंग रहे हैं. यमुना नदी में पानी की कमी और सीवेज ज्यादा होने से कीड़े गंदगी और दलदल में पनप रहे हैं. हम लगातार ताज की सतह की सफाई करा रहे हैं. लू के कारण कीड़ों की ग्रोथ कम है.वहीं ताजमहल का दीदार करने आने वाले पर्यटक भी ताजमहल के रंग को देख बेहद चिंतित है उनका कहना है कि पहले स्वेत धवल दिखाई देने वाले ताजमहल का रंग अब हरा दिखाई दे रहा है इसे साफ रखने की जरूरत है.
लगातार दूसरे साल अप्रैल की गर्मियों में ताज पर कीड़ों ने हमला बोला है. यमुना नदी के किनारे ताजमहल के उत्तरी दरवाजे की ओर चमेली फर्श और ऊपर मुख्य गुंबद की दीवार पर कीड़ों के निशान नजर आने लगे हैं.यमुना नदी में फैली गंदगी और सीवर के कारण कीड़ों का प्रजनन बढ़ गया है. नदी से नीची उड़ान ही भर पा रहे कीड़े गोल्डी काइरोनोमस ताज की संगमरमरी सतह पर स्राव छोड़ रहे हैं, जो बाद में हरे और भूरे रंग के निशान में बदल रहे हैं. एएसआई ने हालांकि पानी से इनकी धुलाई कराई है लेकिन गर्मी बढ़ने के कारण इनका प्रकोप बढ़ता जाएगा.
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