घंटी बजाओ: चुनाव के बीच प्रत्याशियों की कुंडली खोलने वाली खबर!
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View In Appउत्तर प्रदेश में अपने अपने प्रत्याशियों के लिए बड़े बड़े नेता रोड शो का रेला लगाए हुए हैं. रैली चाहे मोदी की हो, मायावती की या फिर अखिलेश यादव की हो नेताजी आते हैं. प्रत्याशियों को आगे खड़ा करके वोट देने को कह देते हैं लेकिन क्या वाकई जनता अपने प्रत्याशियों को पहचानती है ?
ज्यादातर वोटर अपने स्थानीय प्रत्याशी को पहचानने की जगह मोदी, अखिलेश, मायावती, राहुल गांधी के नाम, काम पर वोट डालना पसंद करते हैं. जबकि उन्हें अपने ही प्रत्याशी के बारे में नहीं पता होता. प्रत्याशी अपना हलफनामा चुनाव आयोग को तो देते हैं. लेकिन जनता के पास उनकी पूरी जानकारी नहीं होती.
क्या ऐसा कोई सिस्टम बन सकता है ?
ऐसा हो सकता है या कहें ऐसा होने की शुरुआत उत्तर प्रदेश में नहीं, बल्कि लखनऊ से 1364 किमी दूर मुंबई में हो गई है. मुंबई में बीएमसी चुनाव के लिए वोट डालने पहुंची जनता को गेट पर कुछ बैनर और पोस्टर लगे हुए दिखाई दिए. इन पोस्टर पर प्रत्याशी का नाम, उम्र, प्रत्याशी ने कितनी पढ़ाई की है, कितनी संपत्ति है और कौन-कौन से आपराधिक केस उस प्रत्याशी के ऊपर हैं समेत पूरी जानकारी लिखी मिली.