Budget 2021 को लेकर सरकार पर हमलावर विपक्ष । क्या Disinvestment का मतलब देश को बेचना है? हुंकार
एबीपी न्यूज़
Updated at:
01 Feb 2021 06:40 PM (IST)
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कोरोना काल का पहला बजट आ गया है. लोगों के लिए सबसे बड़ा सवाल था कि अर्थव्यवस्था को बजट में वैक्सीन लगेगी या नहीं. इसी चुनौती के बीच सरकार ने ऐसा बजट पेश किया जिसमें स्वास्थ्य और इंफ्रास्ट्रक्चर पर सबसे ज़्यादा ध्यान दिया गया है.
स्वास्थ्य पर खर्च 94 हज़ार करोड़ से बढ़ाकर सवा दो लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है. वहीं रेलवे और हाइवे के लिए बजट में रिकॉर्ड खर्च का प्रावधान किया गया है. गांवों और किसानों पर भी ध्यान दिया गया है लेकिन आप पूछेंगे कि इन खर्चों के लिए पैसा कहां से आएगा तो इसके लिए सरकार ने LIC समेत कई कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने का फ़ैसला लिया है. हिस्सेदारी को बेचकर सरकार ने पौने दो लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है लेकिन सरकार के इस फ़ैसले पर विपक्ष सबसे ज़्यादा सवाल उठा रहा है. कोई इसे इंडिया फॉर सेल कह रहा है तो कोई कह रहा है मोदी सरकार अपने पूंजीपति दोस्तों को सरकारी कंपनी बेचने जा रही है. CPM नेता मोहम्मद सलीम ने तो बजट की तुलना OLX से ही कर दी तो आज के हुंकार में हम इसी पर चर्चा करेंगे कि क्या विनिवेश का मतलब देश को बेचना है.
स्वास्थ्य पर खर्च 94 हज़ार करोड़ से बढ़ाकर सवा दो लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है. वहीं रेलवे और हाइवे के लिए बजट में रिकॉर्ड खर्च का प्रावधान किया गया है. गांवों और किसानों पर भी ध्यान दिया गया है लेकिन आप पूछेंगे कि इन खर्चों के लिए पैसा कहां से आएगा तो इसके लिए सरकार ने LIC समेत कई कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने का फ़ैसला लिया है. हिस्सेदारी को बेचकर सरकार ने पौने दो लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है लेकिन सरकार के इस फ़ैसले पर विपक्ष सबसे ज़्यादा सवाल उठा रहा है. कोई इसे इंडिया फॉर सेल कह रहा है तो कोई कह रहा है मोदी सरकार अपने पूंजीपति दोस्तों को सरकारी कंपनी बेचने जा रही है. CPM नेता मोहम्मद सलीम ने तो बजट की तुलना OLX से ही कर दी तो आज के हुंकार में हम इसी पर चर्चा करेंगे कि क्या विनिवेश का मतलब देश को बेचना है.