Assembly Election Result 2023: बीजेपी का 'सुपर हिट संडे'! सड़कों पर समर्थकों की दिवाली | BJP | INC
तेलंगाना में आज (30 नवंबर) मतदान प्रक्रिया पूरी होते ही एग्जिट पोल का दौर शुरू हो जाएगा. एग्जिट पोल में पांच राज्यों में हुए चुनाव को लेकर किस पार्टी का पलड़ा भारी है और कौन मात खा रहा है, किसी कितनी सीटें मिलेंगी, इसे लेकर आंकड़े जारी किए जाएंगे. तीन दिसंबर को आने वाले नतीजों से पहले तक इसी पर चर्चा होगी. कई बार एग्जिट पोल सही भी साबित होते हैं.एग्जिट पोल को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल भी होते हैं. यहां हम आपको बताएंगे इससे जुड़े हर सवालों के जवाब. हम बताएंगे कि आखिर कैसे होता है एग्जिट पोल, इसकी पूरी प्रक्रिया क्या है, क्यों चुनाव आयोग इस पर चुनाव के दौरान प्रतिबंध लगा देता है.एग्जिट पोल एक चुनावी सर्वे की तरह होता है जिसे अलग-अलग कंपनियां वोटिंग वाले दिन करती हैं. इस प्रक्रिया में कंपनी की टीम अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में मौजूद होती है और वोट डालकर बाहर आए लोगों से जानती है कि उन्होंने किसे वोट दिया. इस तरह टोटल डेटा को जुटाकर एक अनुमान लगाया जाता है कि किसे कितनी सीटें मिल सकती हैं. भारत में एग्ज़िट पोल विभिन्न संगठनों के जरिये किए जाते हैं, इनमें समाचार मीडिया, निजी सर्वेक्षणकर्ता और एजुकेशन इंस्टिट्यूट शामिल हैं. एग्ज़िट पोल आम तौर पर कई चरणों में पूरा होता है. किसी भी एग्जिट पोल के लिए पहला स्टेप वोटर्स के वर्ग का चयन होता है. इसमें वोट डालकर निकले कई लोगों से बात की जाती है और उसे उस वर्ग का सैंपल माना जाता है. वोटर्स की कैटेगरी का चयन उम्र, लिंग, जाति, धर्म और सामाजिक आर्थिक स्थिति के आधार पर चुना जाता है. उदाहरण के लिए किसी निर्वाचन क्षेत्र में टीम ने अलग-अलग वर्ग के 100 लोगों से बात की