LIC क्लर्क से Kalki महाराज तक अरबों रुपये में फैला है विजय कुमार का साम्राज्य, देखिए
ABP News Bureau
Updated at:
23 Oct 2019 05:06 PM (IST)
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7 मार्च 1949 को पैदा हुए विजय कुमार ने क्लर्क की नौकरी छोड़ने के बाद बेंगलुरू के एक स्कूल में काम करना शुरू किया. 1984 में अपने दोस्त के साथ मिलकर आंध्रप्रदेश के चित्तूर में जीवनआश्रम के नाम से स्कूल शुरू किया जिसका मकसद था युवाओं को आध्यात्म की शिक्षा देना. देखते देखते उनका साम्राज्य अरबों रुपये में फैल गया. उनके दर्शन के लिए भारतीय भक्तों के लिए 5 हजार रुपये की फीस ली जाती थी. वहीं विदेशी भक्तों के लिए 50 हजार रुपये लिए जाते थे. बिना फीस चुकाए दर्शन नहीं मिलते थे.