5G पर ऐसा क्या है कि ट्रम्प और मोदी के बीच बातचीत का ये अहम मुद्दा बन गया ? क्या हैं 5G के फायदे?
ABP News Bureau
Updated at:
01 Jan 1970 05:30 AM (IST)
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मोदी और ट्रम्प की बातचीत में 5G पर चर्चा प्रमुख मुद्दों में से है. आखिर, 5G पर ऐसा क्या है कि ट्रम्प और मोदी के बीच बातचीत का ये अहम मुद्दा बन गया है?
दरअसल, अब दुनिया 4G तकनीक से आगे बढ़कर 5G की तरफ रुख कर रही है. अमेरिका में कई कंपनियों ने 5G सेवा देना भी शुरू कर दिया है. दरअसल, 5G तकनीक को पूरी दुनिया में बढ़ाने में जिनकी सबसे ज़्यादा पौ बारह होगी वो हैं तकनीक प्रदाता कंपनियां. हज़ारों करोड रुपये के टेलीकॉम इक्विपमेंट लगेंगे. हज़ारों, लाखों करोड़ के मोबाइल इक्विपमेंट बनेंगे. ऐसे में अमेरिका ने हाल ही में चीनी कंपनी हुआवे को अमेरिका में ये कहते हुए प्रतिबंधित कर दिया है कि हुआवे अपने टेलीकॉम उपकरणों के जरिये जासूसी करता है इसीलिए, अमेरिका अपने सभी सहयोगी देशों से चाहता है कि वो भी हुआवे से दूरी बनाये. वहीं, भारत में अब 5G ट्रायल शुरू होने हैं. ऐसे में अमेरिका चाहता है कि भारत हुआवे को अपने देश में 5G में एंट्री से रोके. इससे जहां एक और चीन को बहुत बड़ा व्यापारिक नुकसान होगा तो वहीं दूसरी ओर अमेरिकी कंपनियों और यूरोपियन कंपनियों को फायदा होगा.
दरअसल, अब दुनिया 4G तकनीक से आगे बढ़कर 5G की तरफ रुख कर रही है. अमेरिका में कई कंपनियों ने 5G सेवा देना भी शुरू कर दिया है. दरअसल, 5G तकनीक को पूरी दुनिया में बढ़ाने में जिनकी सबसे ज़्यादा पौ बारह होगी वो हैं तकनीक प्रदाता कंपनियां. हज़ारों करोड रुपये के टेलीकॉम इक्विपमेंट लगेंगे. हज़ारों, लाखों करोड़ के मोबाइल इक्विपमेंट बनेंगे. ऐसे में अमेरिका ने हाल ही में चीनी कंपनी हुआवे को अमेरिका में ये कहते हुए प्रतिबंधित कर दिया है कि हुआवे अपने टेलीकॉम उपकरणों के जरिये जासूसी करता है इसीलिए, अमेरिका अपने सभी सहयोगी देशों से चाहता है कि वो भी हुआवे से दूरी बनाये. वहीं, भारत में अब 5G ट्रायल शुरू होने हैं. ऐसे में अमेरिका चाहता है कि भारत हुआवे को अपने देश में 5G में एंट्री से रोके. इससे जहां एक और चीन को बहुत बड़ा व्यापारिक नुकसान होगा तो वहीं दूसरी ओर अमेरिकी कंपनियों और यूरोपियन कंपनियों को फायदा होगा.