Aurangzeb Controversy: Pradeep Bhandari ने फोन में ऐसा क्या दिखाया आग बबूला हो गईं इतिहासकार | ABP News
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View In AppAurangzeb Tomb Controversy: औरंगज़ेब पर अबू आज़मी के बयान से जो मुद्दा शुरू हुआ वो ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा...महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश और बिहार होते हुए ये विवाद अब एक बार फिर महाराष्ट्र पहुंच गया है...महाराष्ट्र के अलग-अलग ज़िलों में आज विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर सरकार से मांग की है कि छत्रपति संभाजी नगर में औरंगज़ेब की कब्र को तोड़ा जाए, उसे वहां से हटाया जाए... विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की इस मांग को बीजेपी और शिवसेना शिंदे गुट का भी समर्थन मिल रहा है...VHP और बजरंग दल ने ये धमकी भी दी है कि अगर औरंगज़ेब की कब्र को हटाया नहीं गया तो वो अयोध्या की तरह कार सेवा शुरू करेगी...इन संगठनों की दलील है कि औरंगज़ेब जैसे अत्याचारी शासक की कब्र को बनाए रखने का कोई कारण नहीं है... मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी कब्र हटाने की बात कर चुके हैं लेकिन अब ये मजबूरी भी बता रहे हैं कि ASI के संरक्षण में होने की वजह से राज्य सरकार को कब्र हटाने का अधिकार नहीं है...दरअसल 1951 से ही औरंगज़ेब की कब्र संरक्षित स्मारकों की सूची में है...1958 में इसे राष्ट्रीय महत्व की स्मारक भी घोषित कर दिया गया...वक्फ़ बोर्ड की ज़मीन पर होने की वजह से इसे हटाना आसान काम नहीं है... ऐसे में महाराष्ट्र सरकार क्या करेगी...क्या लंबी क़ानूनी प्रक्रिया का सहारा लिया जाएगा...या फिर हिंदू संगठनों का ग़ुस्सा अयोध्या की तरह फूट पड़ेगा...क्या राजनीति के लिए औरंगज़ेब के नाम का सहारा लिया जा रहा है...सवाल इस बात पर भी है कि 300 साल पुराने इतिहास को क्यों मिटाया जा रहा है...शिवसेना उद्धव गुट तो औरंगज़ेब की कब्र को मराठा शौर्य की स्मारक बता रही है...फिर इसे हटाने का क्या तुक है...सवाल ये भी है कि क्या औरंगज़ेब की कब्र हटाने की मांग उसके गुणगान का साइड इफेक्ट है...