पुरानी संसद में 91 बार बजट पेश, 4 हजार के करीब बिल हुए पास... पुरानी संसद में कामकाज का आखिरी दिन
साल 1921 में पुरानी संसद को बनाने का काम शुरू हुआ था. हालांकि, 1911 में भारत के दौरे पर आए ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम की ओर से दिल्ली को देश की राजधानी बनाने के साथ ही संसद, इंडिया गेट, नॉर्थ और साउथ ब्लॉक समेत हेरिजेट बिल्डिंग बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी. दिल्ली का सेंट्रल हिस्सा लुटियंस दिल्ली कहलाता है, जहां पर संसद, इंडिया गेट और राष्ट्रपति भवन समेत देश की कई प्रमुख इमारतें मौजूद हैं. लुटियंस दिल्ली का नाम आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस के नाम रखा गया, जिन्होंने इन इमारतों को डिजाइन किया था. एडविन लुटियंस के साथ हरबर्ट बेकर ने भी इन बिल्डिंगों के डिजाइन तैयार किए थे. 1927 में संसद भवन बनकर तैयार हुआ. 6 एकड़ (24, 281 वर्ग मीटर) में बनी इस इमारत को तैयार करने में 6 साल का समय लगा था. आइए एक नजर डालते हैं पुरानी संसद की 75 साल की यादों पर-